भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास

(सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : दो बार के विश्व कप विजेता भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया. धोनी ने पिछले एक साल से उनके भविष्य को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगा दिया. उनके 

गैर पारंपरिक शैली में कप्तानी और मैच को अंजाम तक ले जाने की कला के साथ महानतम क्रिकेटरों की जमात में खुद को शामिल करने वाले धोनी के इस फैसले के साथ ही क्रिकेट के एक युग का भी अंत हो गया.

धोनी के बाद रैना का भी संन्यास

धोनी के संन्यास लेने की घोषणा के बाद उनके साथी क्रिकेटर सुरैश रैना ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया. उन्होंने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर लिखा, धोनी के साथ खेलना गर्व की बात है. मैं भी आपकी तरह अपनी पारी खत्म करता हूं.थैंक्यू इंडिया, जय हिंद.’

सचिन ने दी शुभकामनाएं

sachin dhoni

सचिन ने दी शुभकामनाएं

धोनी के संन्यास के एलान के बाद सचिन तेंदुलकर ने उन्हें शुभकामनाएं दी. सचिन ने ट्वीट कर लिखा, ‘एमएस धोनी भारतीय क्रिकेट में आपका काफी योगदान रहा है. 2011 के विश्व कप को एक साथ जीतना मेरे जीवन का सबसे अच्छा क्षण रहा. आपको और आपके परिवार को आपकी दूसरी पारी के लिए शुभकामनाएं.’

धोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘अब तक आपके प्यार और सहयोग के लिये धन्यवाद. शाम सात बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर्ड समझिये.’

धोनी ने भारत के लिये आखिरी मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल खेला था.

‘रांची का यह राजकुमार’ हालांकि क्रिकेट के इतिहास में महानतम खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज करा गया है. भारत के लिये उन्होंने 350 वनडे, 90 टेस्ट और 98 टी20 मैच खेले.

कैरियर के आखिरी चरण में वह खराब फार्म से जूझते रहे जिससे उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जाती रही.

उन्होंने वनडे क्रिकेट में पांचवें से सातवें नंबर के बीच में बल्लेबाजी के बावजूद 50 से अधिक की औसत से 10773 रन बनाये. टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 38 . 09 की औसत से 4876 रन बनाये और भारत को 27 से ज्यादा जीत दिलाई.

आंकड़ों से हालांकि धोनी के कैरियर ग्राफ को नहीं आंका जा सकता. धोनी की कप्तानी, मैच के हालात को भांपने की क्षमता और विकेट के पीछे जबर्दस्त चुस्ती ने पूरी दुनिया के क्रिकेटप्रेमियों को दीवाना बना दिया था.

वह कभी जोखिम लेने से पीछे नहीं हटे. इसलिये 2007 टी20 विश्व कप का आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा जैसे नये गेंदबाज को दिया जो 2011 वनडे विश्व कप के फाइनल में फार्म में चल रहे युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी के लिये आये.

दोनों बार भारत ने खिताब जीता और धोनी देशवासियों के नूरे नजर बन गए. आईपीएल में तीन बार चेन्नई को जिताकर वह ‘थाला’ कहलाये.

इससे एक दिन पहले ही वह यूएई में होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग के लिये चेन्नई सुपर किंग्स टीम से जुड़ने चेन्नई पहुंचे थे.

विकेटों के बीच बेहतरीन दौड़ के लिये मशहूर धोनी उस तनावपूर्ण मैच में 50 रन बनाकर रनआउट हो गए थे.