बुधवार सुबह कांग्रेस के सीनियर लीडर अहमद पटेल का निधन . अहमद पटेल कांग्रेस की तीन पीढ़ियों संग काम कर चुके है. इसी वजह से उनको पार्टी का सबसे भरोसेमंद नेता माना जाता था.

नई दिल्ली (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) -: कांग्रेस के सीनियर लीडर अहमद पटेल का कोरोना के चलते बुधवार तड़के निधन हो गया. अहमद पटेल को एक महीना पहले कोरोना हुआ था. बेटे फैजल ने उनके निधन की जानकारी ट्वीट करके दी.

आइये डालते हैं उनके राजनीतिक जीवन पर एक नजर-

कांग्रेस में निभाते थे चाणक्य की भूमिका

71 साल के अहमद पटेल कांग्रेस के चाणक्य माने जाते थे. वे लंबे समय से सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार की भूमिका में थे. बता दें, अहमद पटेल कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव भी रह चुके हैं. कांग्रेस पार्टी में उनको सोनिया गांधी का सबसे करीबी और भरोसेमंद नेता माना जाता था.

कांग्रेस की 3 पीढ़ियों संग किया काम

कांग्रेस के सीनियर लीडर अहमद पटेल कांग्रेस की तीन पीढ़ियों संग काम कर चुके हैं. उन्होंने इंदिरा, राजीव और सोनिया गांधी संग काम किया है. इस वजह से उनको पार्टी का सबसे भरोसेमंद नेता माना जाता है. पटेल संसद में 7 बार गुजरात का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वह तीन बार लोकसभा (1977 से 1989) और 4 बार राज्यसभा (1993 से 2017) से चुनकर संसद पहुंचे.

26 साल की उम्र में जीता चुनाव

बता दें, अहमद पटेल का जन्म 21 अगस्त 1949 को गुजरात के अंकलेश्वर में हु्आ था. मात्र 26 साल की उम्र में भरुच से लोकसभा चुनाव जीतकर तबके सबसे युवा सांसद बने थे. वे 1993 से राज्यसभा सदस्य हैं. जानकारों के मुताबिक वे पर्दे के पीछे की राजनीति में भरोसा करते रहे हैं.

अहमद पटेल का राजनीतिक सफर और व्यक्तिगत जीवन

1. अहमद पटेल पारिवारिक आदमी माने जाते हैं. वो टीवी बहुत कम देखते हैं, अहमद पटेल का मानना था कि आम भारतीय की नब्ज़ जानने के लिए अखबार सबसे बेस्ट हैं.

2. अहमद पटेल 1977 से 1982 तक गुजरात की यूथ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे. सितंबर 1983 से दिसंबर 1984 तक वो ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी रहे. 1985 में जनवरी से सितंबर तक वो प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव रहे.

3. सितंबर 1985 से जनवरी 1986 तक पटेल ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी रहे. कांग्रेस के तालुका पंचायत अध्यक्ष के पद से करियर शुरू करने वाले पटेल जनवरी 1986 में गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष बने और अक्टूबर 1988 तक इस पद पर रहे. 1991 में जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने, तो अहमद पटेल को कांग्रेस वर्किंग कमेटी का सदस्य बनाया गया, वो अब तक हैं.

4. 1996 में पटेल को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का कोषाध्यक्ष बनाया गया था. उस समय सीताराम केसरी कांग्रेस के अध्यक्ष थे. साल 2000 सोनिया गांधी के निजी सचिव वी जॉर्ज से तकरार होने के बाद उन्होंने ये पद छोड़ दिया था और 2001 में सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार बन गए.

5. संगठन में इन पदों के अलावा वो सिविल एविएशन मिनिस्ट्री, मानव संसाधन मंत्रालय और पेट्रोलियम मंत्रालय की मदद के लिए बनाई गईं कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं. साल 2006 से वो वक्फ संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य हैं.

6. अहमद पटेल गुजरात यूथ कांग्रेस कमेटी के सबसे युवा अध्यक्ष तो रहे ही, वो अहसान जाफरी के अलावा दूसरे ऐसे मुस्लिम हैं, जिन्होंने गुजरात से लोकसभा चुनाव जीता.