बिलासपुर: चिकित्सा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में एडमिशन नहीं मिलने के केस में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को चिकित्सा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश देने के लिए शासन को आदेश दिया

बिलासपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : मेरिट लिस्ट में नाम आने के बावजूद चिकित्सा पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश न मिलने के मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश देने का निर्देश शासन को जारी किया है.

बता दें, याचिकाकर्ता डॉक्टर ज्योति इक्का ने मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित चिकित्सा महाविद्यालय से एमबीबीएस का कोर्स किया था, जिसके बाद पीएससी के माध्यम से सिम्स बिलासपुर मेडिकल कॉलेज में मजिस्ट्रेट के पद पर उनका चयन हुआ. साथ ही वह इस पद पर वर्तमान में सेवारत हैं.

जबलपुर से किया था MBBS

विभाग से अनुमति लेने के बाद उन्होंने नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की ओर से आयोजित NEET परीक्षा 2020 में हिस्सा लिया, लेकिन मेरिट लिस्ट में नाम आने के बावजूद याचिकाकर्ता का आवेदन इसलिए स्वीकार नहीं किया गया, क्योंकि उन्होंने MBBS का कोर्स छत्तीसगढ़ के बाहर से किया था, जिसको लेकर याचिकाकर्ता ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

पूरी तरह से प्रवेश के लिए पात्र है

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता का नाम मेरिट लिस्ट आने के कारण वह पूरी तरह से प्रवेश के लिए पात्र हैं. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की मूल निवासी और राज्य सेवाओं में नियमित रूप से कार्यरत हैं. याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश देने का निर्देश शासन को जारी करते हुए याचिका को निराकृत कर दिया. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में की गई है.

साकेत वर्मा की रिपोर्ट…!