बिजली दे सकती है उपभोक्ताओं को बड़ा झटका ,गुपचुप तरीके से दाम बढ़ने की तैयारी में है राज्य सरकार!

रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): 1 अगस्त से बिजली का नया टैरिफ प्लान(new tariff of electricity in chhattisgarh) लागू हो सकता है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस टैरिफ प्लान में उपभोक्ताओं को बढ़ी कीमतों पर बिजली मुहैया कराई जाएगी. ऐसे में कोरोना के दौरान पहले से ही लोगों की जेबों पर भारी बोझ पड़ा है. इसके बाद डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने लोगों की बची खुची कसर निकाल दी है और अब यदि बिजली के दामों में बढ़ोतरी होती है तो लोगों की कमर ही टूट जाएगी.

बढ़ सकती है बिजली की कीमतें

गुपचुप तरीके से बिजली के दाम बढ़ाने की तैयारी में है राज्य सरकार !

बिजली के दामों में बढ़ोतरी के अनुमान को देखते हुए बीजेपी ने राज्य की कांग्रेस सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का आरोप है कि, एक ओर राज्य सरकार बिजली बिल हाफ करने के दावे करती आ रही थी तो वहीं दूसरी और अब गुपचुप तरीके से बिजली के दामों को बढ़ाने की तैयारी में जुटी हुई है, जो भाजपा हरगिज़ नहीं होने देगी

बिजली के बढ़े दाम तो सड़क से लेकर सदन तक लड़ेंगे लड़ाई

श्रीवास का कहना है कि यदि राज्य सरकार बिजली के दामों में बढ़ोतरी करती है तो उसे लेकर भाजपा सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई लड़ने को तैयार है. जरूरत पड़ी तो इस मामले को विधानसभा में भी उठाया जाएगा.

जन सुनवाई के बाद होगा विद्युत दर का निर्धारण

वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि, बिजली के दरों का निर्धारण विद्युत नियामक आयोग के द्वारा किया जाता है इसके लिए प्रस्ताव रखा जाता है और उस पर जनसुनवाई की जाती है उसके बाद विद्युत दर निर्धारित की जाती है. अभी तो जन सुनवाई होनी है

400 यूनिट तक सरकार ने किया है बिजली हाफ

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आने के बाद 400 यूनिट तक बिजली के दाम हाफ कर दिए गए हैं देश में छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है. जहां यह हुआ है. सुशील आनंद ने कहा कि उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर गुणवत्ता युक्त अच्छी बिजली मिल सके यही सरकार का प्रयास है.

वितरण कंपनी को हो सकता है लगभग 400 करोड़ का घाटा

जानकारी के मुताबिक बिजली वितरण कंपनी के प्रस्ताव के आधार पर इस महीने नियामक आयोग की फिर से जन सुनवाई चल रही है. नियामक आयोग को भेजे गए प्रस्तावों में वितरण कंपनी को लगभग 4000 करोड़ का घाटा होना बताया गया है.