बासेन गांव में तेंदुआ ने एक ग्रामीण के मवेशी को भी अपना शिकार बनाया है. वन विभाग की टीम तेंदुआ की ट्रेकिंग कर रहा है. ट्रैकिंग के दौरान उन्हें पंजे के निशान भी मिले हैं. ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.

सरगुजा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : वन परिक्षेत्र का बासेन गांव इन दिनों तेंदुए की धकम से दहल उठा है. तेंदुएं की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. तेंदुआ ने एक ग्रामीण के मवेशी को भी अपना शिकार बनाया है. तेंदुए की मौजूदगी को देखते हुए वन विभाग ने ग्रामीणों को सचेत करने के साथ ही उन्हें जंगल से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी है. इसके साथ ही वन विभाग की टीम तेंदुआ की ट्रेकिंग कर रहा है. ट्रैकिंग के दौरान उन्हें पंजे के निशान भी मिले हैं. फिलहाल क्षेत्र के रानी आमा गुफा में छिपे तेंदुआ के होने की जताई जा रही है.

1 महीने पहले दस्तक
उदयपुर क्षेत्र की रामगढ़ पहाड़ी में एक माह पूर्व 1 से 5 सितम्बर के बीच हनुमानघाट की पहाड़ी पर तेंदुआ देखा गया था. लंबे समय तक रामगढ़ की पहाड़ी पर रहने के बाद तेंदुआ रामगढ़ से लगे बासेन जंगल में पहुंच गया है. सम्भावना जताई जा रही है कि 7 अक्टूबर को तेंदुआ बासेन क्षेत्र में पहुंचा है. तेंदुआ ने क्षेत्र के शिवचरण यादव के बछिया को अपना शिकार बनाया है. वन विभाग के अनुसार ग्रामीण शिवचरण ने जंगल किनारे ही अपने मवेशियों का बाड़ा बनाकर रखा है. तेंदुए को यहां आसान शिकार मिल गया. तेंदुए ने बीती रात अचानक ही मवेशियों के बाड़ा में हमला बोल दिया. एक बछिया को उठाकर ले गया. इस दौरान तेंदुआ के हमले से एक मवेशी घायल है.

जंगल से दूर रहने के निर्देश

क्षेत्र में तेंदुए की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची, वन विभाग की टीम ने शिवचरण के मवेशी के हुए नुकसान का आंकलन करने के साथ ही तेंदुआ की ट्रैकिंग की है. ट्रैकिंग के दौरान वन विभाग को जंगल में तेंदुआ के पैर के निशान मिले हैं. इसके साथ ही बछिया के अवशेष जंगल के रानी आमा गुफा के बाहर मिले हैं. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि गुफा के बाहर मवेशी को खाने के बाद तेंदुआ गुफा के अंदर छिपा हुआ है. वन विभाग के वनपाल योगेश साहू, वन रक्षक बसंत सिंह, सरपंच श्रीपाल पोर्ते ने लोगों को जंगल से दूर रहने के साथ ही सतर्क रहने की समझाइस दी है.