रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़) : छत्तीसगढ़ में एक शहर से दूसरे शहर को जोड़ने वाली बस सेवा 12 जुलाई से बंद हैं. किराया बढ़ाए जाने की मांग पर बस संचालकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल ( strike bus operators) शुरू कर दी है. जिसकी वजह से प्रदेश में बसों के पहिए थम गए हैं. मंगलवार से यह बस सेवा पूरी तरह ठप है. बसों के महाबंद (bus strike in raipur) से यात्रियों को भारी परेशानी हुई . ऑटो और टैक्सी वाले यात्रियों से 3 से चार गुना भाड़ा वसूल रहे हैं. सबसे ज्यादा वो यत्री परेशान हो रहे हैं जो दूसरे राज्यों से सफर करने के लिए आ रहे हैं. उनसे मनमाना किराया वसूला जा रहा है.
बसों की हड़ताल
दूसरे राज्य से पहुंचे यात्रियों को हो रही भारी परेशानी
हैदराबाद से अंबिकापुर जा रहे यात्री चांदनी साहू ने बताया कि, हम हैदराबाद से आ रहे है और हमें अंबिकापुर जाना है. हमें पहले से पता नहीं था कि यहां पर आज बसों की हड़ताल है. हम रायपुर आकर फस गए हैं यहां से बोला जा रहा है कि शाम को है गाड़ी फिर भी गाड़ी अभी तक आए नहीं है. ऑटो और टैक्सी वाले मनमाना किराया वसूल रहे हैं. तीन सौ रुपये किराए की जगह पर हमसे हजार रुपये किराए में लिए जा रहे हैं. मजबूर यात्रियों को जिन्हें जल्द घर पहुंचना है वह मजबूरी में यह किराया देने के लिए बाध्य हो रहे हैं. कई लोगों ने तो रिश्तेदारों से पैसे मंगाए है. ताकि वह अपने घर पहुंच सके.
यात्री परेशान
दोगुना किराया वसूल रहे ऑटो और टैक्सी चालक
झारखंड से यात्रा कर नागपुर जा रहे यात्री अखिलेश ने बताया कि, हमें नहीं पता था कि रायपुर में बसे बंद हैं. हमे बड़ी परेशानी हो रही है. हम झारखंड से आ रहे हैं. हमें नागपुर जाना था. कोई सुविधा देख रहे हैं कहीं कुछ मिल जाए तो हम नागपुर जाए, नागपुर जाना बहुत जरूरी है. पहले नागपुर जाने के लिए 600 रुपये किराया लगता था अब 1000 और 1200 रुपये किराया लिया जा रहा है. आपको बता दें कि प्रदेश में 12000 बसें रोजाना चलती हैं. जिसमें से कोरोना की वजह से 4000 बसें पहले से ही बंद थी यानी सिर्फ ₹8000 बसें ही प्रदेश में चल रही थी. उन 8000 बसों को भी मंगलवार से बंद कर दिया गया है. 9000 बस ऑपरेटर लगभग बेरोजगार हो चुके हैं बस व्यापार से जुड़े 1 लाख 8 हज़ार कर्मचारी हैं. सभी की स्थिति ऐसी हो गई है कि खाने पीने के लिए पैसा तक नहीं बचा है. प्रदेश में 5 लाख यात्री रोजना बस से सफर करते हैं.
बस संचालकों ने गिनाई अपनी मजबूरी
बस मालिक अनवर अली ने बताया कि सरकार से हम लगातार पिछले 2 महीने से मांग कर रहे थे. लेकिन न तो सरकार ने हमारी सुनी और न ही प्रशासन ने इस ओर ध्यान दिया. हमारी बात को नहीं सुना गया और न हमसे बात करने के लिए बुलाया गया. जिसकी वजह से हमे मजबूरी में यह फैसला लेना पड़ा है. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए. यात्री बसों का किराया बढ़ाया जाना चाहिए.
ऐसे में अगर जल्द ही बस सेवा के महाबंद का कोई हल नहीं निकला तो यात्रियों औऱ आम लोगों की हालत खराब हो सकती है. सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.