फर्जी डेटिंग एप्लिकेशन के जरिये नाबालिगों को निशाना बना रहे ठग, पूरे प्रदेश में फैला जाल..

रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): प्रदेश में लगातार साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ठग हाईटेक तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. सबसे ज्यादा फोन और सोशल मीडिया के सहारे ठग इस तरह की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. अब तो साइबर फ्रॉड के मामले एप के जरिए किए जा रहे हैं. ठग आरोपी को झांसे में लेकर एप्लीकेशन डाउनलोड करवाते हैं. जिसमें अलग अलग बहाने और लालच देकर पीड़ित को इसका शिकार बनाया जाता है. वह लोन और कई और सुविधा दिलाने की बात कहकर एप को डाउनलोड करवाते हैं फिर एप्लीकेशन और एप के माध्यम से ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं.

रायपुर में एक मामला सामने आया है. जिसमें ठग नाबालिग लड़कों को निशाना बना रहे हैं. इसके लिए फर्जी डेटिंग एप का सहारा लिया जा रहा है. दरअसल ठग एक डेटिंग एप्लीकेशन बनाकर उसे वायरल कर देते हैं. जिसके बाद कोई भी नाबालिक अगर एप्लीकेशन डाउनलोड करता है. तो उसे लाइव कॉल गर्ल से चैट कराने का झांसा दिया जाता है. जैसे ही नाबालिक कॉल गर्ल से चैट करता है और उसके झांसे में आ जाता है. उसके बाद ठग उनकी बातों को वायरल करने की धमकी देते हैं. इस तरह ब्लैकमेलिंग कर वह नाबालिग से पैसे ऐंठ लेते हैं. नाबालिग भी डर के मारे इस बात को अपने घर वालों को नहीं बताता है. जिसका फायदा ठग उठाते हैं.

इन फर्जी एप्लीकेशन का ठग धड़ल्ले से करते हैं इस्तेमाल

• एनीडेस्क

• टीम व्यूअर

• टीम व्यूअर क्विक सपोर्ट

• वीएनसी एक्स्ट्रा

• डे फॉरएवर फ्रेंडशिप

इस तरह का एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें ठग इस तरीके के एप्लीकेशन लोगों के मोबाइल में डाउनलोड करा कर लोगों को आसानी से ठगी का शिकार बना रहे हैं.

लिंक के माध्यम से फर्जी एप्लीकेशन डाउनलोड करा रहे ठग

रायपुर के एडिशनल एसपी लखन पटले ने बताया कि आजकल ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. जिसमे ठग डेटिंग एप्लीकेशन बनाकर युवाओं के बीच उसको डाउनलोड करा रहे हैं. युवा भी उनके झांसे में आसानी से फंस जा रहे हैं. दरअसल इस तरह के एप्लीकेशन ठगों द्वारा लोगों को शिकार बनाने के लिए ही क्रिएट किए जाते हैं. इसमें ज्यादातर युवा और नाबालिक ठगों के शिकार बन रहे हैं. दरअसल युवा और नाबालिक डेटिंग की चाह में फर्जी एप्लीकेशन डाउनलोड कर लेते हैं एप्लीकेशन डाउनलोड करने के बाद सामने वाली लड़की उन्हें चैटिंग के लिए अप्रोच करती है. जब सामने वाला व्यक्ति उनके झांसे में फस जाता है तो उन्हें वीडियो कॉल करती हैं और वीडियो के सामने अश्लील हरकतें करना शुरू कर देती हैं. जैसे ही सामने वाला व्यक्ति वीडियो में नजर आता है तुरंत ठग उसका वीडियो बना लेते हैं. फिर इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल करते हैं कई बार नाबालिग शर्म के कारण अपने घर वालों और पुलिस के पास नहीं जाते. इस तरह ठगी का वारदात को आरोपी अंजाम देते हैं.

ऐसे ठगी की वारदात को आरोपी देते हैं अंजाम

• ठग पहले फर्जी डेटिंग एप्लीकेशन बनाकर वायरल कर देते हैं.

• डेटिंग एप्लीकेशन को युवा डाउनलोड करते हैं जिसमें सामने से वीडियो चैट और चैट के लिए अप्रोच किया जाता है.

• डेटिंग एप्लीकेशन में सामने वाली कॉल गर्ल युवाओं को वीडियो चैट के लिए बोलती है. जैसे ही सामने वाला व्यक्ति वीडियो चैट पर आता है कॉल गर्ल अश्लील हरकतें करना चालू कर देती है.

• वीडियो कॉल के दौरान जैसे ही सामने वाला व्यक्ति कॉल में आता है उसकी रिकॉर्डिंग कर ली जाती है और उसे धमकाया जाता है कि अगर वह पैसा नहीं देगा तो वह यह वीडियो वायरल कर देगा.

• कभी कभी सामने वाला व्यक्ति अगर उनके झांसे में नहीं आता तो वह उन्हें पुलिस बनकर भी कॉल करती है. इसके बाद वीडियो को सोशल मीडिया में अपलोड होने की बात कही जाती है. फिर उससे रकम मांगा जाता है. केस सुलझाने के एवज में पैसे मांगकर ठगी की जाती है.

फर्जी एप्लीकेशन को डाउनलोड करने से बचें

• कोई भी अनजान के कहने पर एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें.

• अपना मोबाइल किसी को ना दें.

• अनजान एप्लीकेशन और लिंक पर कभी क्लिक ना करें.

• ऐसा होने पर तुरंत पुलिस को संपर्क करें या ऑनलाइन कंप्लेन करें, जिससे पुलिस जल्दी से जल्दी उन्हें ट्रेस कर सके.