कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):-जिले में गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं एवं बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य की स्थिति के संबंध में जानकारी प्राप्त करना अब आसान हो गया है। पोषण ट्रैकर ऐप में हितग्राहियों के मोबाइल नम्बर को पंजीकृत किया जा रहा है।इसके पश्चात हितग्राहियों के पोषण स्तर की ऐप में एंट्री की जा रही है।एंट्री के पश्चात प्रत्येक हितग्राही को उनके पोषण स्तर की जानकारी उनके मोबाइल नम्बर पर मैसेज के माध्यम से प्राप्त हो रहा है। इससे हितग्राहियों को पोषण स्तर की जानकारी कम समय मे प्राप्त हो रही है।इस ऐप के माध्यम से प्रत्येक हितग्राही का रीयल टाइम मॉनिटरिंग अब आसान हो गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों को कुपोषण मुक्त करने की दिशा में नवाचारी प्रयास किये जा रहे है। महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम समन्वयक श्री अनिल देवांगन ने बताया कि सतत मॉनिटरिंग से पोषण स्तर में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि
कुपोषण की दर में 2019 की तुलना में 2021 में 05 प्रतिशत की कमी आयी है।2019 की स्थिति में जिले में कुपोषण दर 22.5 प्रतिशत था वहीं 2021 में यह घटकर 17.4 प्रतिशत हो गया है। 2019 के वजन त्योहार के आंकड़ो के अनुसार 18.2 प्रतिशत बच्चे मध्यम कुपोषित तथा 4.3 प्रतिशत बच्चे गंभीर कुपोषित थे। 2021 कि स्थिति में इनमे सुधार आया है। वर्तमान में 14.1 प्रतिशत मध्यम कुपोषित और केवल 3.4 प्रतिशत गंभीर कुपोषित बच्चे है। 2019 में 77.5 प्रतिशत बच्चे सामान्य पाए गए वहीं 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 82.6 प्रतिशत हो गया है। पोषण की दर में सर्वाधिक सुधार पसान और करतला के परियोजना केन्द्रों में देखने को मिली। जिले के पसान परियोजना केन्द्रों में 72.3 प्रतिशत बच्चे सामान्य कुपोषित थे, 2021 की स्थिति में यह आंकड़ा बढ़कर 84.3 प्रतिशत हो गया। करतला परियोजना 2019 के वजन त्यौहार में 76.9 प्रतिशत बच्चे सामान्य कुपोषित थे, 2021 में यह बढ़कर 85.4 प्रतिशत हो गया है।
भाटापारा के लबेद पंचायत में रहने वाली मिनी आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता रामकुमारी यादव ने बताया कि पोषण ट्रैकर ऐप गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं एवं बच्चों के पोषण की सतत निगरानी एवं पोषण स्तर के सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस ऐप के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा हितग्राहियों के पोषण स्तर को ज्ञात किया जाता है। रामकुमारी यादव ने बताया कि पहलेआंगनबाडी के पंजी में पोषण स्तर व अन्य गतिविधियों को रिकार्ड करना पड़ता था जिससे कार्य करने में अधिक समय लगता था। पोषण ट्रैकर ऐप आने के बाद अब हितग्राहियों के पोषण स्तर को आसानी से डिजिटल रूप में इस ऐप के द्वारा एंट्री किया जा रहा है।इस ऐप को इस्तेमाल करना काफी सरल और आसान है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रामकुमारी यादव ने बताया कि उनके केंद्र में 3 गर्भवती, 1 शिशुवती, 0 से 5 वर्ष के 21 बच्चे तथा 16 किशोरी बालिकाए हैं। पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से हितग्राहियों के पोषण स्तर की जानकारी हासिल करने में समय की बचत हो रही है। ऐप के जरिये हितग्राहियों का पोषण स्तर जैसे ऊँचाई, वजन, एच बी, टीकाकरण आदि की एंट्री कर पोषण एवं स्वास्थ्य स्तर का रिपोर्ट तुरन्त रिजल्ट के रूप में प्राप्त हो रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रामकुमारी ने बताया कि इस एप के माध्यम से अब रोज आंगनवाड़ी केंद्र में आ रहे बच्चो को उपस्थिति की एंट्री की जा रही है। आंगनबाडी केन्द्रों में जिन बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन मिल रहा है उनकी एंट्री ऐप में कर सतत मॉनिटरिंग भी की जा रही है।