नई दिल्ली (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) ब्यूरो रिपोर्ट : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम में देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिना वजह दुश्मनी करना दुष्ट का स्वभाव होता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पाल रखे थे. पाक ने पीठ में छूरा घोंपने की कोशिश की थी.
प्रमुख बिंदु :
कोरोना अब भी उतना ही घातक है, जितना शुरू में था. इसलिए सावधानी जरूर बरतें. चेहरे से मास्क ना हटाएं.
एक नागरिक के नाते कोई भी कोताई ना बरतें.
ग्रामीण क्षेत्रों ने पूरे देश को दिशा दिखाई है. उनके प्रयास हमारे सामने आ रहे हैं.
जम्मू से बलबीर कौर ने ऐसा ही एक प्रयास किया. वे खुद पूरे पंचायत में सैनेटाइजेशन का काम कर रहे हैं.
गंदरबल के जैतुना बेगम ने ऐसा ही प्रयास किया. उन्होंने फ्री राशन बांटा. मास्क बांटा. सेब के पौधे बांटे.ट
अनंतनाग से मोहम्मद इकबाल ने स्प्रे मशीन बनाई.
आत्म निर्भर भारत के लिए पूरे देश में प्रयास किया जा रहा है
बिहार में मधुबनी पेंटिंग्स का उपयोग कर मास्क बनाए जा रहे हैं.
मणिपुर में बांस की बोतलें बनाई जा रही हैं. ये इकोफ्रेंडली हैं.
लेमन ग्रास की खेती झारखंड में की जा रही है. उसका तेल बाजार में बेचा जाता है.
लेह और लद्दाख से ऐसी ही खबर है. एप्रीकोट एक फल है. इसे बचाने के लिए एक विशेष मशीन बनाई गई है. इससे किसानों को अच्छा पैसा मिलता है.
कच्छ में ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है. कम जमीन में अधिक उत्पाद होता है.
बिहार में मोती की खेती शुरू हो चुकी है. मुजफ्फरपुर और बेगुसराय में प्रयास किए गए हैं.
रक्षा बंधन में भी वोकल फॉर लोकल जोर पकड़ रहा है.
सूरीनाम
भारत के लोग सालों पहले वहां गए थे. आज वहां की एक चौथाई आबादी भारतीय मूल से हैं. उनकी भाषा मुख्य रूप से भोजपुरी है. वहां के राष्ट्रपति इसी समुदाय से हैं. हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं.
इससे पहले मन की बात कार्यक्रम के संबंध में विगत 11 जुलाई को भी पीएम मोदी ने ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था, ‘मुझे यकीन है कि आप सामूहिक रूप से किए गए सकारात्मक प्रयासों से कैसे बदलाव आए हैं, इसकी प्रेरक कहानियों से अवगत होंगे.’
पीएम मोदी ने लिखा था, ‘आप निश्चित रूप से उन कोशिशों के बारे में जानते होंगे जिन्होंने कई जीवन बदल दिए हैं. उन्होंने जनता से अपील की थी कि 26 तारीख को होने वाले मन की बात कार्यक्रम के लिए साझा करें.’
गौरतलब है कि इससे पहले बीते 28 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 66वें संस्करण में देश को संबोधित किया था. पीएम मोदी ने कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी का फैलाव रोकने के लिए सावधान रहने की जरूरत पर जोर दिया था. मोदी ने कहा था, ‘अनलॉक की इस अवधि के दौरान प्रत्येक व्यक्ति को दो बिंदुओं पर ध्यान देना होगा- कोरोना को हराना है और देश की अर्थव्वस्था को मजबूत करना व सहारा देना है.’
प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘अनलॉक की अवधि के दौरान हमें लॉकडाउन अवधि की तुलना में अधिक चौकन्ना रहना होगा और केवल सतर्कता ही आपको कोरोना से बचा सकता है.’
प्रधानमंत्री ने चेतावनी भरे लहजे में कहा था, ‘अगर आप मास्क नहीं पहनेंगे, दो गज की सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं करेंगे या अन्य सावधानियां नहीं बरतेंगे तो आप खुद के अलावा दूसरों को भी जोखिम में डालेंगे, खासकर घर में रह रहे बुजुर्गो और बच्चों को.’
उन्होंने कहा था, ‘कुछ लोगों का कहना है कि 2020 शुभ नहीं है. लोग सिर्फ यह चाहते हैं कि यह साल किसी तरह कट जाए. लेकिन ऐतिहासिक रूप से भारत हमेशा तरह-तरह की त्रासदियों और चुनौतियों में जीत सुनिश्चित करते हुए चमकता और सुदृढ़ रहा है.’
कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक सुधार को लेकर लिए गए अहम फैसलों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि अनलॉक के दौर में बहुत-सी ऐसी चीजें भी अनलॉक हो रही हैं, जिनमें भारत दशकों से बंधा हुआ था.
पीएम मोदी ने कहा था, ‘वर्षों से हमारा माइनिंग सेक्टर लॉकडाउन में था. कमर्शियल ऑक्शन को मंजूरी देने के एक निर्णय ने स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया है.’ केंद्र सरकार ने हाल ही में कोल ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की है.
मोदी ने अंतरिक्ष के क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलने को लेकर सरकार द्वारा लिए गए फैसले का भी उल्लेख किया था. उन्होंने कहा था, ‘कुछ ही दिन पहले स्पेस सेक्टर में ऐतिहासिक सुधार किए गए. उन सुधारों के जरिए वर्षों से लॉकडाउन में जकड़े इस सेक्टर को आजादी मिली. इससे आत्मनिर्भर भारत के अभियान को न केवल गति मिलेगी, बल्कि देश टेक्नॉलॉजी में भी एडवांस बनेगा.’
कोरोना काल में कृषि के क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए अध्यादेशों के संबंध में मोदी ने कहा था, ‘अपने कृषि क्षेत्र को देखें, तो इस सेक्टर में भी बहुत सारी चीजें दशकों से लॉकडाउन में फंसी थीं. इस सेक्टर को भी अब अनलॉक कर दिया गया है.’
कृषि बाजार में सुधार को लेकर लाए गए नए कानून के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा था कि नए कानून से जहां एक तरफ किसानों को अपनी फसल कहीं पर भी, किसी को भी, बेचने की आजादी मिली है, वहीं, दूसरी तरफ, उन्हें अधिक ऋण मिलना भी सुनिश्चित हुआ है. मोदी ने कहा था, ‘ऐसे, अनेक क्षेत्र हैं जहां हमारा देश इन सब संकटों के बीच, ऐतिहासिक निर्णय लेकर, विकास के नए रास्ते खोल रहा है.’