पाली : मानिकपुरी समाज ने 624 वी कबीर प्राकट्य पर्व मनाया

कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- पाली सहित आसपास के गांव में शासन की गाइडलाइन के निर्दशानुसार कबीर प्राकट्य दिवस पर चौका आरती के साथ सादगी रूप से मनाया गया जहां कबीर पंथी मानिकपुरी पनिका समाज के महंत,दीवान ने बताया हिंदी साहित्य आकाश के ध्रुव तारा , प्रकृति के संवाहक, मानवता के पुजारी,जातिवाद के घोर विरोधी,समता वाद के प्रेरक,अनगढ़ पंथ के पोषक,बाहर से कठोर,भीतर से कोमल,संसार में सबसे दुखिया,ज्ञान विवेक से प्रखर,सच और झूठ के पारखी संत शिरोमणि कबीर हमेशा अन्याय का प्रतिकार करते रहे, उन्होंने अपनी वाणी कर्मों से सदा सच का मार्ग लोकजीवन में प्रशस्थ किया। जिन चीजों का उन्होंने आज से 600 साल पहले अपनी वाणी के द्वारा कही थी कोविड-19 महामारी हमारे आंखों के सम्मुख है,मंदिर,मस्जिद,गिरजाघर, गुरुद्वारा सभी बंद पड़े हैं,सांप्रदायिक ताकतें,अपनी डफली अपनी राग अलाप रहे है,पोथी को पढ़ लेने मात्र से ईश्वर की प्राप्ति नहीं होती,कुछ लोग कबीर को अनपढ़ कहते हैं,पर वे यह नहीं जानते कि चारों युग की महत्तम वे सिद्ध योगी,अनुभूति के बलबूते पर अपने मुख से ही लोगों को सत्य का एहसास करा दे रहे हैं।आज कोविड-19 के समय में हम जहां व्यक्ति में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की बात करते हैं,वही कबीर अपने आत्मबल को बढ़ाने की बात करते हैं,। कोविड-19 महामारी को भगाने के लिए कई प्रकार के व्यूह रचना की गई , कोई काम नहीं आया, इसे तो सभी स्वीकारते ही होंगे।
इन गांव ने मनाया, पोटापानी, रंगोले,केराझारिय, पुलाली, पोड़ी,लाफा, बक्साही, आदि गांव में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया