कोरबा/पाली 29 अगस्त 2022 ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की हड़ताल ने सरकारी कामकाज ठप कर दिया है. लेकिन इस हड़ताल की वजह से हजारों छात्र छात्राओं का भविष्य भी खतरे में पड़ गया है. हड़ताल के कारण कोरबा जिले में लगभग सभी सरकारी स्कूलों में ताले लटक गए हैं. स्कूल बंद होने के कारण बच्चों की पढ़ाई ठप हो गई जिले में अधिकांश शिक्षक हड़ताल में हैं. कुछ हड़ताल की वजह से स्कूलों में नही जा रहे हैं. बतादें की ढाई वर्ष कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित रही अब उसके बाद स्थिति सामान्य होने के बाद स्कूल नियमित तौर पर प्रारम्भ हुए लेकिन हड़ताल की वजह से पुनः बच्चों के सामने पढाई की समस्या उत्पन्न हो गई है.
स्कूल बंद होने की समस्या से जूझ रहे पाली क्षेत्र के स्कूली छात्र छात्राओं ने जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के नाम खण्ड शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौपते हुए उल्लेखित करते हुए बताया कि बीते दो वर्ष कोरोना काल की वजह से सभी बच्चों की पढ़ाई बाधित रही लेकिन समय अनुकूल होने के बाद स्कूल तो प्रारम्भ हुआ लेकिन हड़ताल की वजह से पुनः पढाई बाधित हो रही है. स्कूल में शिक्षकों के न आने से उनका कोर्स पूरा नही हो पा रहा है. जिसकी वजह से उनका भविष्य अंधकार मय नज़र आ रहा है. उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की है कि जब तक हड़ताल समाप्त नही होती है तब तक स्कूल को खोला जाय और वैकल्पिक शिक्षकों की नियुक्ति कर पढाई प्रारम्भ किया जाय. जिससे उनका कोर्स पूरा हो सके। और बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो.
स्कूलों में लटके ताले
केंद्र के सामान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान में गृहभाड़ा भत्ता दिए जाने की मांग को लेकर कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले अधिकारी-कर्मचारी 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इस हड़ताल के कारण शासकीय कार्यालयों में काम काज ठप है. इस हड़ताल में शिक्षक संगठन भी शामिल हैं. इस वजह से प्रदेश भर के हजारों स्कूल में ताले लग गए है.
85% स्कूल बन्द होने का दावा
वहीं हड़ताल में शामिल शिक्षक संघ के नेताओं का मानना है कि ” जिले में 85 प्रतिशत स्कूलें बंद हैं. और इतने ही शिक्षक हड़ताल में शामिल हो चुके हैं. जबकि शिक्षा विभाग द्वारा रोजाना शासन को भेजी जाने वाली रिपोर्ट के आंकड़े कुछ और ही कहते हैं. हालांकि हड़ताल में शामिल होने वाले शिक्षकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. रोजाना स्कूल बंद होने का क्रम भी बढ़ रहा है.”
स्कूल और कार्यालय भी बन्द
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन का कहना है ” पूरे प्रदेश में जितने शिक्षक संगठन हैं, मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त उसमें से तीन को छोड़ कर टीचर्स एसोशिएशन, शालेय शिक्षाकर्मी संघ और नवीन शिक्षक संघ को छोड़कर बाकी सभी शिक्षक संगठन इस कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर हमारे साथ हैं. कोरबा जिले में लगभग 85 प्रतिशत जो शिक्षक और शिक्षक एलबी हैं वो इस आन्दोलन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कर रहे हैं. सभी बीईओ आफिस, डीईओ आफिस, जेडी आफिस बंद हैं. इसमें सभी शिक्षक स्वतः स्कूलों में तालाबंदी कर के शामिल हो रहे हैं.
बंद हो रहे स्कूल, बढ़ रही परेशानी
पाली खण्ड शिक्षा अधिकारी ने बताया “अनिश्चित कालीन हड़ताल से अधिकांश शासकीय स्कूल बन्द थे. लेकिन धीरे धीरे इसकी संख्या बढ़ती गई और आज की स्थिति में 85 प्रतिशत स्कूल बन्द हैं. शुरुआत में हजार के लगभग शिक्षक हड़ताल पर रहे और आज इनकी संख्या बढ़ गई है. शिक्षा विभाग कलेक्टर साहब के निर्देशन में सतत मॉनिटरिंग कर रहा था और शिक्षक और छात्र नियमित स्कूल आ रहे थे. ये स्ट्राइक होने से इस पर असर पड़ा है और हम पुनः कोशिश करेंगे कि स्ट्राइक के बाद फिर से अभियान चलाया जाएगा. अभी तो बच्चों को नुकसान हो रहा है.