कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़):- पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित उच्च न्यायालय बिलासपुर प्रक्रियाधीन रिट याचिका अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्गों के मूलभूत संविधानिक अधिकारों के संरक्षण एवं भारत के संविधान आर्टिकल तथा आरक्षण अधिनियम एवं पदोन्नति के प्रावधानों के विरुद्ध शिक्षा विभाग तथा अन्य विभाग द्वारा की जा रही है पदोन्नति प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने अथवा SC,ST एचडी के आरक्षित रिक्त पदों को सुरक्षित रखने का आदेश देने बाबत
शिक्षा विभाग द्वारा 8 जनवरी को प्रधान पाठक प्राथमिक शाला शिक्षक तथा प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला के पदों पर एलटी संवर्ग के शिक्षकों का पदोन्नति करने आदेश जारी किया गया वर्तमान के अनुसूचित जाति व जनजाति पदोन्नति में आरक्षण रोस्टर का मामला कोर्ट में सुनवाई प्रक्रियाधीन है ऐसी स्थिति में पदोन्नति में जल्दी बाजी करना अनुचित होगा आरक्षण रोस्टर के बगैर पदोन्नति राज्य के अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के शिक्षकों एवं अधिकारी कर्मचारी को स्वीकार नहीं है क्योंकि आरक्षण रोस्टर के आधार पर अनुसूचित जाति के 12% व जनजाति वर्ग के 32% आरक्षित हिस्सेपदोन्नत कर अनुसूचित जाति व जनजाति वर्गों के पदोन्नति के लिए रास्ते बंद कर दिए हैं। आरक्षण रोस्टर के पदों को किसी भी रीति से अन्य वर्गों से नहीं भरा जा सकता सीधी भर्ती में पहले मेरिट के आधार पर अनारक्षित पद भरा जाता है अनारक्षित बिंदु के पदों में सामान्यता वर्ग के एवं ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थी चरण होते हैं इसलिए वरिष्ठता क्रम में सामान्य वर्ग के और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों का नाम ऊपर होता है एससी एसटी वर्गों की वरिष्ठता सामान्य वर्ग ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों से नीचे होती है पदोन्नत अनारक्षित बिंदु में होने से गैर एससी एसटी का स्थान नरन्य है एससी एसटी वर्गों को अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है मौलिक अधिकारों के प्रावधान होने के बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा संवैधानिक अधिकारों को नजर अंदाज कर आरक्षण अधिनियम प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं