कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़)हिमांशु डिक्सेना:- पाली एवं आसपास के देवी मंदिरों में चैत्र नवरात्रि पर्व 13 अप्रैल से 21 अप्रैल तक आयोजित किया जा रहा है ।जिसकी तैयारियों में स्थानीय समितियां जुट गई हैं।
विदित हो कि गत वर्ष कोरोना महामारी के कारण चैत्र पर्व स्थगित कर दिया गया था जबकि शारदीय नवरात्रि पर्व पर भी कई मंदिरों में आस्था के दीप प्रज्वलित नहीं हो पाए थे। वर्तमान में एक बार पुनः कोरोनावायरस खौफ छाया हुआ है। हालांकि कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करने का भरोसा दिलाते हुए क्षेत्र के मंदिरों की समितियां चैत्र नवरात्रि के तैयारियों में जोर-शोर से जुटी हुई है। जिले के धार्मिक पर्यटन स्थल चैतुरगढ़ स्थित आदिशक्ति मां महिषासुर मर्दिनी देवी मंदिर में इस चैत्र नवरात्रि पर्व को लेकर धार्मिक एवं जन कल्याण ट्रस्ट जयपुर गढ़ लाफा एवं श्री आदिशक्ति मां महामाया देवी पूजा एवं सेवा समिति के संयुक्त तत्वाधान में पूजा एवं अन्य तैयारियां चल रही है।कोरोना के कारण विगत वर्ष चैत्र पर्व स्थगित कर दिया गया था वही ,पिछले शारदीय नवरात्रि पर्व पर भी केवल माता की पूजा अर्चना की अनुमति मिल पाई थी ।इस मंदिर में समिति को लेकर आपसी खींचतान को लेकर श्रद्धालुओं एवं क्षेत्रीय जनों ने नाराजगी जाहिर की है। पाली स्थित महामाया देवालय, शक्ति दाई मंदिर, काली मंदिर, ठाकुर देव स्थल में नवरात्र पर्व की तैयारियां चल रही है। इस बार मनोकामना ज्योति कलश में तेलों की बढ़ती महंगाई का असर दिख रहा है।अधिकांश मंदिरों में कलश की दरों में वृद्धि की गई है। तेल 501 से 701, घृत 1100 से 2100, जवारा 101/-.से 251 तक…. यह दर लगभग सभी मंदिरों में निर्धारित किया गया है। प्रदेश में करोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉक डाउन की स्थिति से इनकार नहीं किया जा सकता ।जिसे लेकर नवरात्रि पर्व मनाने वाली समितियां सशंकित भी है। हालांकि वह अभी से श्रद्धालुओं एवं भक्तों से मंदिर परिसर में आने पर कोविड प्रोटोकॉल के तहत मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर आदि के पालन की अपील कर रहे हैं।