कोरबा (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ )जफर खान: – कभी अलग-अलग आपराधिक गतिविधियों के लिए पहचान बना चुके कोरबा जिले का सबसे दूरस्थ थाना पसान में इन दिनों पुलिस के बूटों की धमक से अपराधियों में खौफ का आलम है. क्षेत्र में सतत पेट्रोलिंग और रात्रि गश्त से भी अपराधियों के हौसले पस्त हुए है. वनांचल और सरहदी थाना पसान में अक्सर बड़े आपराधिक घटनाएं समाने आती थी जिनमे खासकर अंधे कत्ल, लूटपाट और नशीले सामानो की अफरातफरी और असामाजिक तत्वों के द्वारा उत्पात मचाये जाने की थी लेकिन नए थाना प्रभारी प्रह्लाद राठौर के आमद के बाद स्थिति में काफी सुधार देखा गया है. क्षेत्र के ग्रामवासियों का भी पुलिस के प्रति विश्वास दृढ़ हुआ है. वे अब पूरे आत्मविश्वास से पुलिस के सहयोग हेतु तत्पर रहते है.
दरअसल जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देशन व एएसपी कीर्तन राठौर के मार्गदर्शन में जिले के समस्त सीएसपी, एसडीओपी को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि उनके थाना, अनुविभाग क्षेत्र में संचालित अवैध व गैर कानूनी गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाकर दोषियों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. इनमे कबाड़, नशीले सामानो की खरीदी-बिक्री, कच्ची शराब की बिक्री, रेत व अन्य खनिजों का अवैध परिवहन, ड्रंक एंड ड्राइव जैसी गतिविधिया शामिल थी. जिला एसपी भोजराज पटेल के निर्देशों के अनुरूप एसडीओपी ईश्वर त्रिवेदी से मार्गदर्शन प्राप्त कर टीआई प्रह्लाद राठौर के नेतृत्व में विशेष अभियान चलाकर असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की गई साथ ही नशे के कारोबारियों को सख्त हिदायत भी दी गई.
इसी क्रम में पिछले दिनों चोरी के एक पेचीदा मामले को उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक सुलझाया गया जबकि पसान में ही एक पत्रकार से हुए मारपीट के मामले पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में लिया गया. इस तरह समूचा पसान थाना स्टाफ द्वारा क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बेहतर करने के साथ आमजनो मे पुलिस के प्रति विश्वास को कायम रखने हेतु निरन्तर प्रयास किया जा रहा है.
प्रादेशिक सीमा व धुर वनांचल अपराध की बड़ी वजह.
गौरतलब है कि पसान ना सिर्फ जिले का सरहदी क्षेत्र है बल्कि इसकी सीमा मध्यप्रदेश को भी छूती है. यही वजह है कि यहां पुलिस के लिए कई तरह की चुनौतियां पेश आती हैं. प्रादेशिक सीमा होने की वजह से अक्सर शराब, गांजा व अन्य अवैध सामानों की अफरा-तफरी होती रही है जिस पर पुलिस ने लगभग काबू पा लिया है. दूसरी ओर वनांचल क्षेत्र होने की वजह से हाथियों का उत्पात भी इलाके में देखा जाता है. पुलिस प्रशासन ऐसे नाजुक मौकों पर वन विभाग के कर्मियों के साथ मिलकर हाथियों को भगाने के लिए प्रयासरत रहती है. डायल 112 के जवानों ने पिछले दिनों पहुंचविहीन गांव में पहुंचकर एक गर्भवती को सुरक्षित तरीके से अस्पताल पहुंचाया था. यह भी कोरबा पुलिस के लिए एक मिसाल के तौर पर देखा गया था.