पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान आज 5 जिले के 44 सीटों पर होगी वोटिंग

कोलकाता ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान आज होगा. इस चरण में जिन 44 सीटों पर मतदान होना है उनपर कुल 373 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. जिनकी किस्मत 1,15,81,022 मतदाता ईवीएम में कैद करेंगे.  

अब तक बंगाल में तीन चरणों में 91 सीटों पर मतदान हो चुका है. पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं जिनपर कुल 8 चरणों में मतदान पूरा होगा और 2 मई को मतगणना होगी.

चौथे चरण पर एक नजर  

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 5 जिलों की 44 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इनमें से 8 सीटें अनुसचित जाति और 3 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. इन 44 सीटों पर कुल 373 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इस बार चुनाव में 34 राजनीतिक दल हैं जिनमें राष्ट्रीय से लेकर क्षेत्रीय और पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दल शामिल हैं. इन सभी दलों के कुल 221 उम्मीदवार और 153 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.

चौथे चरण में बड़े सियासी दलों की बात करें तो सिर्फ तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी ने ही सभी 44 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. जबकि एसयूसीआई(सी) ने 26, सीपीएम ने 22, बसपा ने 13 और कांग्रेस ने सिर्फ 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इस चरण में 50 महिला उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में ताल ठोक रही हैं.

इस चरण में कुल 1,15,81,022 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें 58,82,514 पुरुष और 56,98,218 महिला मतदाता हैं. इन चुनावों में 290 थर्ड जेंडर मतदाता भी वोट डालेंगे. ये 1.15 करोड़ मतदाता चुनाव मैदान में खड़े 373 प्रत्याशियों की किस्मत को ईवीएम में कैद करेंगे. चौथे चरण के लिए 15,940 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं.

वहीं, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी तथा अरूप बिस्वास की राजनीतिक किस्मत का फैसला शनिवार को चौथे चरण के चुनाव के लिए होने वाले मतदान में होगा, जिसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई हैं. भाजपा के दो सांसद भी 10 अप्रैल को होने वाले चुनाव में मैदान में है. इस चरण में उत्तर बंगाल में कूचबिहार तथा अलीपुरद्वार जिलों तथा दक्षिण 24 परगना, हावड़ा और हुगली में 44 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा.

निर्वाचन आयोग ने 44 निर्वाचन क्षेत्रों में बनाए 15,940 मतदान केंद्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की कम से कम 789 टुकड़ियों को तैनात किया है. सीएपीएफ की सबसे अधिक 187 टुकड़ियों की तैनाती कूच बिहार में होगी जहां चुनाव प्रचार के दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाएं देखी गई थी. ऐसी ही एक घटना में तृणमूल कांग्रेस के कथित समर्थकों ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पर हमला किया था. 

चौथे चरण में होने वाले हाई प्रोफाइल मुकाबलों में कोलकाता में बंगाली फिल्म उद्योग का दिल कहे जाने वाले टॉलीगंज से बाबुल सुप्रियो और मौजूदा विधायक अरुप बिस्वास के खिलाफ चुनावी जंग दिलचस्प होगी. वहीं टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी लगातार चौथी बार विधानसभा चुनाव जीतने की कवायद में बेहाला पश्चिम सीट से भाजपा की उम्मीदवार एवं फिल्म अभिनेत्री श्राबंती चटर्जी को टक्कर देंगे.

शनिवार को होने वाले चुनाव में टीएमसी से भाजपा में शामिल हुए राजीव बनर्जी की किस्मत का भी फैसला होगा. ममता बनर्जी मंत्रिमंडल में पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी हावड़ा जिले के दोमजुर से चुनाव लड़ेंगे. टीएमसी का साथ छोड़ भाजपा में शामिल शुभेंदु अधिकारी और राजीव बनर्जी लगभग हर चुनावी सभा में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के निशाने पर रहे हैं और उन्होंने उन्हें ‘गद्दार’ तथा मीर जाफर तक बुलाया. 

गौरतलब है कि मीर जाफर ने 1757 में प्लासी की ऐतिहासिक लड़ाई में बंगाल के नवाब सिराज-उद-दौला के साथ गद्दारी की थी. वहीं, राजीव बनर्जी ने चुनावी सभाओं में कहा है कि टीएमसी की ‘भ्रष्ट नीतियों’ और उसके नेताओं के अहंकार तथा जन विरोधी कदमों के कारण पार्टी में बने रहना असंभव हो गया था. 

इस चरण में भाजपा के सांसद लॉकेट चटर्जी और नितिश प्रमाणिक हुगली तथा कूचबिहार जिलों में क्रमश: चुचुड़ा तथा दिनहाटा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके चुनाव लड़ने पर चुटकी लेते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि भगवा पार्टी के पास योग्य उम्मीदवार नहीं है जिसके चलते उसे अपने सांसदों को चुनावी मैदान में उतारना पड़ा है. इस पर भाजपा ने कहा कि सांसदों को उम्मीदवार बनाना यह दिखाता है कि वह पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को कितनी अहमियत देती है. 

शनिवार को होने वाले चुनाव में कुल 1,15,81,022 मतदाता 373 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला कर सकेंगे. हावड़ा में नौ विधानसभा सीटों, दक्षिण 24 परगना में 11, अलीपुरद्वार में पांच, कूचबिहार में नौ और हुगली में 10 सीटों पर मतदान होगा. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न स्थानों पर भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया. वहीं, टीएमसी की ओर से ममता बनर्जी और उनके भतीजे एवं लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने कई निर्वाचन क्षेत्रों में जनसभाएं कीं.