पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने दिया इस्तीफ़ा . सिद्धू ने ट्वीट कर जानकारी .

(सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा है कि वह पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे.सिद्धू ने इसी साल जुलाई में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था.

नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा, सोनिया को लिखा पत्र

उन्होंने पत्र में लिखा कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं. उन्होंने लिखा कि इसलिए, मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करना जारी रखूंगा.

यह तुरंत पता नहीं चल पाया है कि सिद्धू को किस कारण पंजाब कांग्रेस प्रमुख का पद छोड़ना पड़ा है.

गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस में लंबी खींचतान के बाद अमरिंदर सिंह ने 18 सितंबर को पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया. इसके बाद ऐसा माना जा रहा था कि पंजाब कांग्रेस सबकुछ ठीक हो गया है, लेकिन अब सिद्धू ने इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है.

पात्रा ने कसा तंज
नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे पर भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट कर तंज कसा है. वो दो आयें नहीं ..एक चला गया ..छा गए गुरु.

अमित शाह और जेपी नड्डा से मिलेंगे कैप्टन
इस बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह आज दिल्ली रवाना होंगे. इस दौरान वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वह खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे, जिसके बाद उन्होंने पद छोड़ने का फैसला किया.

दरअसल पंजाब की सियासत में बीते एक हफ्ते में जो कुछ हुआ है उसके बाद सबकी नजरें कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हैं. कैप्टन भविष्य की राजनीति में विकल्प की बात भी कह चुके हैं. ऐसे में सवाल बना हुआ है कि क्या कैप्टन कांग्रेस का हाथ छोड़ेंगे ? अगर कैप्टन कांग्रेस छोड़ेंगे तो उनका अगला कदम क्या होगा?

पंजाब में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव (punjab assembly election 2022) होने हैं, उससे पहले कांग्रेस ने तो अमरिंदर सिंह को हटाकर पंजाब को पहला दलित मुख्यमंत्री दे दिया, लेकिन अब सबकी निगाहें कैप्टन के अगले कदम पर हैं.