धमतरी: नगर निगम क्षेत्र के अधिकांश वार्डों में सफाई-व्यवस्था का बुरा हाल, गंदगी और बदबु से जनता परेशान..

धमतरी (सेंट्रल छत्तीसगढ़) : एक तरफ कोरोना काल में लोग अपनी सेहत को लेकर जागरूक हैं, तो दूसरी तरफ धमतरी नगर निगम क्षेत्र के वार्डों में सफाई-व्यवस्था का बुरा हाल है. अधिकांश वार्डों में इन दिनों साफ-सफाई नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से वार्डों में गंदगी का अंबार है. निगम प्रशासन की इस लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. निगम प्रशासन इस मसले पर सिर्फ आश्वासन देता नजर आ रहा है.

धमतरी नगर निगम को कुछ महीने पहले ही 50 हजार से एक लाख की आबादी वाले शहरों में स्वच्छता के लिए प्रथम स्थान दिया गया. इस उपलब्धि के बाद निगम प्रशासन ने खूब वाहवाही भी बटोरी. इसके बाद निगम प्रशासन मानों भूल ही गया कि वार्डों में निरंतर साफ-सफाई की जरूरत है. मौजूदा दौर में नालियों की साफ-सफाई नहीं होने की दशा में हालात खस्ता है. लोगों को गंदगी और बदबू से दो-चार होना पड़ रहा है. इसके अलावा वार्डवासी सड़क और पानी की समस्याओं से पहले ही जूझ रहे हैं.

नाली की सफाई नहीं होने से वार्डवासियों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि आज पूरा विश्व कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है. सरकार साफ-सफाई और स्वास्थ्य के लिए जागरूक रहने हिदायत दे रही है, लेकिन शहर के वार्डों में फैली गंदगी ने लोगों चिंता बढ़ा दी है. वार्डवासी कहते हैं कि साफ-सफाई जैसे काम उन्होंने यहां होते अभी तक नहीं देखा है. इससे उन्हें मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारी का डर सताने लगा है. वार्डवासियों ने कहा कि निगम सफाई और अन्य टैक्स लेती है, बावजूद इसके सफाई-व्यवस्था में निगम फिसड्डी साबित हो रहा है.

बता दें कि शहर की आबादी 1 लाख से ज्यादा है. यहां महीने में 30 से 35 टन कचरा निकलता है. ऐसा नहीं है कि नगर निगम के पास संसाधन की कमी है, बल्कि यहां साफ-सफाई के लिए पर्याप्त संसाधन और कर्मचारी भी हैं. मौजूदा वक्त में नगर निगम में 160 सफाईकर्मी, महिला समूह की 216 महिला सफाईकर्मी सहित 13 कचरा गाड़ी, 3 ट्रैक्टर और 1 जेसीबी है. यहां साफ-सफाई में महीने में औसतन खर्च 25 से 30 लाख रुपए खर्च होता है.

बहरहाल, महापौर शहरवासियों को मूलभूत समस्याओं और दिक्कतों से निजात दिलाने का आश्वासन दे रहे हैं. इसके अलावा सभी वार्डों में सैनिटाइजर के छिड़काव कराने की बात कही जा रही है. अब देखना होगा कि लोगों को इस समस्या से कब तक निजात मिल पाती है.