धमतरी: जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में लाखों की हेराफेरी के मामले में पूर्व मैनेजर और चौकीदार को पुलिस ने किया गिरफ्तार..

धमतरी (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : जिले के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा कोर्रा में 83 लाख रुपये की हेराफेरी करने वाले बर्खास्त मैनेजर कुमार दत्त दुबे और चौकीदार रामकुमार ध्रुव को भखारा थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं. बैंक के कैशियर, चपरासी और चौकीदार की मिलीभगत करके 83 लाख रुपये की हेराफेरी की थी.

former manager and watchman arrested in the case of misappropriation of dhamtari district cooperative bank

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में लाखों की हेराफेरी का मामला

बता दें कि ये हेराफेरी 2007 से 2012 तक की गई थी. मामला सामने आने के बाद आराेपियाें काे नाैकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. करीब 8 साल बाद आराेपियाें पर धारा 420 सहित अन्य धाराओं में केस किया गया था.

2007 से 2012 के बीच हुई थी हेराफेरी

शाखा के बैंक मैनेजर किशनचंद यदु की शिकायत पर भखारा थाना में केस दर्ज हुआ था. FIR के मुताबिक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा कोर्रा के बर्खास्त मैनेजर कुमार दत्त दुबे, कैशियर राजकुमार साहू, चपरासी झाडूराम साहू और चौकीदार रामकुमार ध्रुव ने मिलीभगत कर साल 2007 से 2012 के बीच किसानों के फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक में 83 लाखों रुपयों की हेराफेरी की थी.

मामला सामने आने के बाद आरोपियाें काे बर्खास्त कर दिया गया और इसके बाद जांच कराई गई. मामले में वर्तमान बैंक मैनेजर किशनचंद यदु की लिखित शिकायत और विभागीय 3 सदस्यीय जांच टीम द्वारा प्रमाण देने के बाद चारों बर्खास्त आरोपियों पर FIR की गई थी. अब भखारा पुलिस ने पूर्व मैनेजर कुमार दत्त दुबे और चौकीदार रामकुमार ध्रुव को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले के एक और आरोपी चपरासी झाड़ूराम साहू की पहले ही मौत हो चुकी है.

विधानसभा में भी उठ चुका है मामला

दरअसल साल 2012 में रिकाॅर्ड काे कंप्यूटर पर लिया गया. लेन-देन की एंट्री की गई, तब हिसाब नहीं मिलने पर यह घोटाला निकलकर सामने आया. इसके बाद मैनेजर आते-जाते रहे, लेकिन FIR नहीं कराई गई और मामला लंबित रहा. जबकि इस लाखों रुपए के घोटाले का मामला विधानसभा में भी उठ चुका है. कोर्रा बैंक के माैजूदा मैनेजर को मुख्यालय से कई बार रिमाइंडर आया, इसके बाद उन्हाेंने इस घोटाले की FIR कराई, अब पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू की हैं.

जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने 2007 से लेकर 2012 के बीच करीब 83 लाख रुपयों का गबन किया था. मामला उजागर होने के बाद आरोपी कुमार दत्त दुबे ने करीब 19 लाख रुपये जमा कर दिया. 4 लाख रुपये जो किसानों के नाम पर फर्जी जमा किया गया था उसे किसानों से लेकर बैंक में जमा करवा दिया गया. इस तरह वर्तमान में करीब 60 लाख रुपये की रिकवरी बाकी है.