हिमांशु डिक्सेना कोरबा:- दोपहिया सवार 14 से 18 वर्ष के नाबालिगों के हाथों में सुविधास्वरूप अभिभावकों द्वारा वाहन की चाबी थमा दी जा रही है।अपितु बच्चों को सुविधा नही असल में हादसों की चाबी थमाई जा रही है।जो सड़क पर बढ़ते दबाव के बीच लगातार हादसों को बढ़ावा दे रहा है।
देखा जा रहा है कि अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को स्कूटी व मोटरसाइकिलों को बिना किसी भय के चलाने की अनुमति दे दी गई है।लेकिन वे इस बात से अनजान हैं कि बच्चे किसी भी वक्त हादसों का शिकार हो सकते हैं।जिले के लगभग हर निजी एवं शासकीय स्कूलों में नाबालिग बच्चे अपनी स्कूटियों व मोटरसाइकिलों पर फर्राटे भरते आते-जाते दिखाई देते हैं।लेकिन इस ओर न तो स्कूल प्रबंधन द्वारा ध्यान दिया जाता है और न ही अभिभावक गंभीरता से सोंचते है।जिसके चलते किशोरों में दोपहिया वाहन दौड़ाने का शौक लगातार बढ़ता जा रहा है।नियमों को दरकिनार करते हुए नाबालिग दोपहिया वाहनों को लेकर सड़कों पर फर्राटे भर रहे हैं।जो कभी भी हादसों की वजह बन सकती है।