तेंदूमूडा से बरौर पहुंच मार्ग बद से बदतर दुर्घटना की संभावना

गौरेला पेंड्रा मरवाही (सेंट्रल छत्तीसगढ़) राजू यादव :- एक तरफ पूरा भारत वर्ष कोरोना महामारी से जूझ रहा है, कोरोना से लाख मशक्कत के बाद भी पूरा जनजीवन प्रभावित है, भूख बेबसी और रोजगार के कारण लोग घर से निकलने को मजबूर हैं, छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा आम जनता के विकास के लिए दिन दुगनी रात चौगुनी लगातार प्रयास किया जा रहा है,
शासन प्रशासन के द्वारा विकास के नाम पर लाख दावा भले किया जा रहे है मगर, छत्तीसगढ़ सरकार के नवनिर्मित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही मे विकास के नाम सौगात के खजाना खोल कर करोड़ों रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है,

वही गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला के मरवाही विधानसभा सभा क्षेत्र के सबसे व्यस्ततम मार्ग मरवाही से तेदूमूडा से बरौर पहुंच मार्ग की रोड अपने बद से बदतर हालात बयां कर रहा है, जिसमें दुर्घटना की संभावना बनी हुई रहती है, इन तंग मार्ग से गुजरने वाले राहगीर शासन प्रशासन को कोसने के साथ-साथ दोबारा इस गली में न आने की कसम खाते हुए यही प्रश्न चिन्ह लगा देता है कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा जब नवनिर्मित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के लिए सौगात का खजाना खोल दिया गया है तो तेदूमूडा से बरौर पहुंच मार्ग की तंग रोड अपनी गरीबी बयां क्यों करता है,‌ वही जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में विधानसभा मरवाही उपचुनाव को लेकर छत्तीसगढ़ के बड़े बड़े मंत्रियों पदाधिकारियों का प्रवास जारी है, क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण करने के लिए यहां छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहली प्राथमिकता और उद्देश्यहित है,
वही यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि क्षेत्र की गंभीर समस्याओं पर मौन रहना भी किसी अचरज से कम नहीं, जो कहीं ना कहीं आम जनमानस के हित पर बार-बार यह सवाल करती है, कि आखिर क्यों जनप्रतिनिधि क्षेत्र की समस्याओं को संबंधित अधिकारियों तक क्यों नहीं पहुंचा पा रहे हैं, ऐसी क्या विवशता है,
बहरहाल अब देखना यह होगा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सतत विकास और उद्देश्य की पूर्ति के लिए, यहां के जनप्रतिनिधि और अधिकारी तंत्र यहां की समस्याओं की सूधि लेकर संबंधित अधिकारियों को समस्या का संज्ञान कराते हैं या कोरोना से जूझ रहे क्षेत्रवासियों को बद से बदतर रास्ते पर चल कर अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने को मजबूर करते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा,

राजू यादव की रिपोर्ट …