डायरी मामले में रायपुर एसएसपी ने किया बड़ा खुलासा ,DEO समेत 3 गिरफ्तार ,शिक्षा विभाग के लोगों को बदनाम करने की साजिश

रायपुर ( सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ): स्कूल शिक्षा विभाग के कथित 366 करोड़ के घूस कांड मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मामले में रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल, एडिशनल एसपी क्राइम अभिषेक महेश्वरी और शहर सिटी एएसपी तारकेश्वर पटेल ने किया है.

पकड़े गए आरोपियों में सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी गेंदराम चंद्राकर, कांग्रेस नेता व आरटीआई एक्टिविस्ट संजय सिंह ठाकुर और कपिल कुमार देवदास है. रायपुर पुलिस ने 48 घंटे के भीतर पूरे मामले का पर्दाफाश किया है. आरोप है कि इन सभी ने फर्जी तरीके से डायरी तैयार की और उसे सोशल मीडिया में वायरल करवाया.आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से शिक्षा विभाग के लोगों को बदनाम करने की साजिश रची थी. साक्ष्य मिटाने का भी प्रयास किया जा रहा था. स्पीड पोस्ट के जरिये पुलिस आरोपियों तक पहुंची.

सेवानिवृत्त डीईओ है मास्टरमाइंड

पुलिस की मानें तो मामले का मास्टरमाइंड रिटायर्ड DEO जीआर चंद्राकर है. पिछले साल रिटायर्ड होने के बाद डीईओ चंद्राकर ने संविदा नियुक्ति के लिए अप्लाई किया था, लेकिन उन्हें शक था कि डीईओ ए एन बंजारा और केसी काबरा की वजह से उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पाई. इसलिए उन्होंने डायरी में पुराने ट्रांसफर ऑर्डर निकालें और फिर उसके सामने रकम लिख दिया. इस काम में चंद्राकर के पड़ोसी चौकीदार ने डायरी लिखने में मदद की. पूर्व डीईओ के दोस्त संजय सिंह और उसके टाइपिस्ट कपिल सिंह ने भी मदद की. कपिल ने 10 जनवरी को इसे अलग-अलग जगहों पर पोस्ट किया था.

टीम गठित कर, 48 घंटे में किया खुलासा

एसएसपी ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि ‘लोक शिक्षण संचनालय इंद्रावती भवन के उप संचालक आशुतोष चावरे ने राखी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया था. कुछ अज्ञात लोगों ने उन्हें बदनाम करने की साजिश रची थी. उनके नाम का फर्जी हस्ताक्षर कर विभिन्न अधिकारियों की शिकायत संबंधी पत्र और शिक्षा मंत्री के पीए की कथित डायरी की प्रति के साथ विभिन्न स्थानों से पिछले कुछ दिनों से प्रेषित किए जा रहे थे. जिस पर राखी थाना में धारा 419, 469 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया. इसके जांच के लिए एक टीम गठित की गई थी. जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ अतिरिक्त धारा 120 बी, 201, 420 भी जोड़ी गई.