रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए स्कूल, कॉलेज, ट्रांसपोर्टेशन सभी केंद्र सरकार द्वारा बंद कर दिए गए. काफी महीने स्कूल, कॉलेज बंद रहने के बाद छात्रों के भविष्य को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा शुरू की गई. स्टूडेंट्स की परेशानियों को देखते हुए राजधानी रायपुर की कुछ शिक्षकाओं ने ‘मिस कॉल बहन जी’ नाम से ग्रुप बनाया है, जिसमें छात्र-छात्राएं ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई में हो रही किसी सब्जेक्ट से जुड़ी परेशानी दूर कर सकते हैं.
मिस कॉल से छात्रों की सॉल्व होती है प्रॉब्लम
मिस कॉल बहन जी में कुल 7 महिला टीचर्स जुड़ी हुई हैं, जो बच्चों को फोन पर शिक्षा दे रही हैं. मिस कॉल बहन जी ग्रुप बनाने का उद्देश्य ये है कि अगर किसी बच्चे के पास फोन में बैलेंस ना हो तो वह इन 7 शिक्षिकाओं में से किसी को भी मिस कॉल कर सकता है. मिस कॉल देखने के बाद टीचर दोबारा बच्चे को कॉल कर उनकी पढ़ाई में हो रही दुविधा का समाधान करती हैं. पिछले 3 हफ्तों से ये 7 महिला टीचर्स इस तरीके का प्रोग्राम चला रही हैं और इनमें शिक्षकों को अच्छा-खासा रिस्पॉन्स भी मिल रहा है. रोजाना तकरीबन 5 से 6 बच्चे शिक्षिकाओं को मिस कॉल करते हैं और अपनी प्रॉब्लम सॉल्व करते हैं. छात्रों की स्टडी से जुड़ी प्रॉब्लम सॉल्व करवाने छात्रों के साथ ही उनके पेरेंट्स भी मिस कॉल बहन जी को फोन कर उनसे समाधान पूछते हैं.
मिस कॉल बहन जी
ग्रुप में जुड़े प्राइमरी से मिडिल क्लास के टीचर्स
ETV भारत से बात करते हुए शिक्षिका सुनीला फ्रैंकलीन ने बताया कि मिस कॉल बहन जी ग्रुप में 7 शिक्षिकाएं हैं, जो अलग-अलग विषयों को पढ़ाती हैं. इस ग्रुप के टीचर मुख्यत: मिडिल क्लास के विषयों के हैं. इस ग्रुप के जरिए ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत आने पर छात्र मिस कॉल कर संबंधित विषय के टीचर से हेल्प ले सकते हैं. इसके अलावा इस ग्रुप से पेरेंट्स भी जुड़ सकते हैं.
मिस कॉल बहन जी
बच्चों की सुविधाओं के अनुसार तय किया समय
संस्कृत टीचर सरस्वती राघव बताती हैं कि इस मिसकॉल बहनजी ग्रुप को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. इसका समय भी तय किया गया है, हालांकि किसी भी समय छात्र फोन कर सकते हैं. इसके अलावा इस ग्रुप को बनाने का उद्देश्य गरीब और ग्रामीण इलाकों के बच्चों को मदद मुहैया कराना है. कई बच्चों के माता-पिता काम पर या मजदूरी करने सुबह चले जाते हैं, ऐसे समय में बच्चों के पास फोन नहीं होता, इसे देखते हुए शाम का वक्त स्टूडेंट्स के लिए तय किया गया है. ऐसे गरीब बच्चे फोन में बैलेंस नहीं होने पर सिर्फ टीचर को मिस कॉल कर अपनी प्रॉब्लम सॉल्व कर सकते हैं.
प्रदेशभर के बच्चे भी मिस्ड कॉल ग्रुप में कर सकते हैं फोन
यह ग्रुप धरसींवा और रायपुर जिले में बच्चों को स्टडी में हो रही दिक्कतों को लेकर बनाया गया है. शिक्षिकाओं का कहना है कि पूरे प्रदेश के बच्चे चाहें तो इस नंबर पर कॉल कर अपने टॉपिक को लेकर हो रही अपनी परेशानी बता सकते हैं, जिसे हरसंभव दूर करने की कोशिश की जाती है. ये ग्रुप पहली से आठवीं क्लास तक के बच्चों के लिए है. हालांकि महिला टीचर्स ने मिस कॉल देने और समझाने का समय शाम 4:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक रखा है, लेकिन बच्चे अक्सर किसी भी समय टीचर को फोन कर देते हैं और टीचर्स भी अपना काम छोड़ उन्हें उस टॉपिक के बारे में समझा देती हैं.
पढ़ाई तुंहर द्वार
छत्तीसगढ़ में पढ़ाई तुंहर द्वार योजना के तहत बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा शुरू की गई. पढ़ाई तुंहर द्वार के तहत पहली से आठवीं तक के बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस दिए जा रहे हैं. पढ़ाई तुंहर द्वार के तहत लगभग प्रदेश में 22 लाख बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है और इस योजना के तहत करीब डेढ़ लाख से ज्यादा शिक्षक ऑनलाइन शिक्षा से जुड़कर बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हैं.