ज्यादा बारिश की वजह से धान और सब्जियों की फसल में कीट का प्रकोप, किसानों के माथे पर पड़ी चिंता की लकीरें..

जांजगीर-चांपा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना : मौसम के बिगड़ते मिजाज और ज्यादा बारिश की वजह से धान की फसल में चरपा, भूरा माहो और तना छेदक जैसे कीट का प्रकोप बढ़ गया है. जिससे किसान परेशान और चिंतित नजर आ रहे हैं. सब्जी के उत्पादन करने वाले किसान फल के गलन और तना छेदक, भूरा माहो जैसे बीमारी से त्रस्त है. किसानों की समस्या को लेकर कृषि विभाग के अफसर बेखबर हैं.

जनपद क्षेत्र जैजैपुर के अधिकांश गांव में धान की फसल में बीमारी लगने के कारण किसान परेशान है. कीटनाशक दवा विक्रेताओं की सलाह पर दवा छिड़काव कर अपने साल भर के खून पसीने की कमाई को बचाने हर संभव प्रयास किया जा रहा है, लेकिन सही मार्गदर्शन और दिशा निर्देश के अभाव में दवा छिड़काव के बाद भी कीट संक्रमण को रोकना मुश्किल हो रहा है.

ग्राम दतौद, मुक्ता, शिकारीनार , चोरभट्टी, नंदेली, हसौद ,मालदा धीवरा ,जमड़ी, पेंड्री ,नागारीडी, तुषार ,पिसौद ,पाडाहरदी , बोइरडीह, हरदीडीह, रीवाडीह ऐसे गांव है, जहां धान की फसल पर चरपा भूरा माहो का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. वहीं ग्राम काशीगढ़ ,बेलकर्री ,कोटेतरा कारीभावार, लिमतरा के किसानों ने धान में बंकी, तना छेदक कीट का प्रकोप बताया है.

सब्जी बेचकर जीवन यापन
ग्राम घोराडीपा , खैरझिटी डोमाडीह ,सेन्दरी, हरेठीकला , बनडबरा , हरेठीखुर्द के अधिकांश किसान सब्जी उत्पादन के व्यवसाय से जुड़े हैं. जो बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती करते हैं. लेकिन उनकी भी परेशानी कीट प्रकोप के चलते बढ़ती जा रही है. फंगस बड़ी ईल्ली ,माहो और तना छेदक की बीमारी से परेशान किसान सैकड़ों एकड़ जमीन पर भटा, बरबटी, फूल गोभी ,पत्ता गोभी, टमाटर, दोड़का ,भिंडी ,कुंदरू,जैसे सब्जी लगाकर अपना जीवन यापन करते हैं.

किसानों ने लिया कर्ज

ग्राम खैरझिटी के किसान महेंद्र चंद्र ने 15 एकड़ भूमि पर सब्जी का उत्पादन किया है. जिसमें भटा, मिर्च,फूल गोभी, पत्ता गोभी, टमाटर ,आदि लगाएं है. लेकिन ज्यादा बारिश के चलते भटा और गोभी की सब्जी गलने लगी है. वहीं मिर्ची, टमाटर की फसल बर्बाद होने की कगार पर है. किसानों ने कीटनाशक दवा के छिड़काव के लिए 40 से 50 हजार रुपये का कर्ज लिया है. लेकिन कोई भी दवा कारगर साबित नहीं हो रही है.

समय-समय पर दी जाती है सलाह

वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी जांगड़े ने कहा कि समय-समय पर किसानों को उचित मार्गदर्शन और सलाह, क्षेत्र में जाकर दिए जाते हैं. ताकि वे अपने धान की फसल और सब्जी की फसल का उचित रखरखाव कर सके. वर्तमान में धान की फसल पर भुरा माहो और चरपा जैसे किट का संक्रमण था, जो अब कंट्रोल में है.