रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): केंद्रीय जीएसटी टीम ने कर चोरी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. मिस्टर साईंनाथ इंटरप्राइजेज के मालिक वासुदेव मित्तल को गिरफ्तार कर जीएसटी टीम ने न्यायालय में पेश किया. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अभियुक्त को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा है. गिरफ्तारी के बाद वासुदेव मित्तल ने जीएसटी चालान के जरिए 76 लाख रुपए का टैक्स जमा किया है. केंद्रीय जीएसटी टीम को लगातार कर चोरी की शिकायत मिल रही थी. जिसके बाद टीम ने मित्तल के कबीर नगर स्थित परिसर में तलाशी ली. जिसमें कर चोरी के मामले का खुलासा हुआ.
बड़े पैमाने पर कर चोरी का आरोप: सीजीएसटी के प्रधान आयुक्त बीबी महापात्रा ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि, गोपनीय सूचना के आधार पर केंद्रीय जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क रायपुर के अधिकारियों ने मैसर्स साईं नाथ इंटरप्राइजेज के मालिक बासुदेव मित्तल के रायपुर कबीर नगर स्थित परिसर में तलाशी ली. जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज जप्त किए गए. प्रारंभिक जांच में पाया गया कि मेसर साईनाथ इंटरप्राइजेज ने माल की वास्तविक प्राप्ति के बिना नकली और गैर मौजूद संस्थाओं से अस्वीकार्य इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाकर जीएसटी की बड़े पैमाने पर चोरी की गई है.
इसके लिए फर्म ओडिशा स्थित कुछ फर्जी फर्मो के द्वारा फर्जी बिलों की व्यवस्था कर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट ले रहा था. इस तरीके से फर्म में 31 करोड़ रुपये के मूल्य के माल पर 5.69 करोड़ रुपए के जीएसटी के फर्जीवाड़े का पता चला. इस पर फर्म के मालिक बासुदेव मित्तल को 30 मार्च को सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 69(1) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर 31 मार्च को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया.
जीएसटी चोरी पर रायपुर में लगातार हो रही गिरफ्तारी: जीएसटी कानून के तहत रायपुर में छठी गिरफ्तारी है. यह कार्रवाई सीजीएसटी रायपुर आयुक्त ने की है. हाल के दिनों में सीजीएसटी रायपुर ने कर चोरी करने वालों के खिलाफ और विशेष रूप से फर्जी बिलिंग के कारोबार में शामिल कर दाताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. वित्त वर्ष 2021-22 में ही कर चोरी के 200 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. जिसमें लगभग 650 करोड रुपए के कर चोरी का पता चला है. एक और दूसरे मामले मे सीजीएसटी रायपुर आयुक्तालय ने वित्त वर्ष 2020 की तुलना में 3328 करोड़ रुपए अधिक जीएसटी एकत्र किया है. वित्त वर्ष 2020 में संग्रहित 9,627 करोड़ रुपए जीएसटी की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 के कुल जीएसटी संग्रहण 12,961 करोड़ रुपए रहा. इस तरह से 35% की भारी वृद्धि दर्ज की गई, जबकि अखिल भारतीय स्तर पर 26% की वृद्धि दर्ज की गई है.