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जांजगीर-चांपा( सेंट्रल छत्तीसगढ़) : जिले के विभिन्न ब्लॉकों के कोविड अस्पतालों (covid hospitals) में ड्यूटी करने वाले सफाईकर्मियों को सेवा से अलग कर दिया गया है. मौखिक आदेश के बाद सभी सफाईकर्मियों (cleaning workers) को सेवामुक्त कर दिया गया. इन सफाईकर्मियों को 4 महीने का मानदेय भी नहीं दिया गया है. इसके विरोध में सफाईकर्मी अब सड़क पर उतर आए हैं. सफाईकर्मियों ने कलेक्ट्रेट(Collectorate Janjgir Champa) पहुंचकर काम पर रखने की गुहार लगाई है.
सफाईकर्मियों को किया सेवामुक्त
सफाईकर्मी का कहना है कि डेढ़ साल तक काम करने के बाद उन्हें मौखिक रूप से बोलकर काम से निकाल दिया गया. मंत्रालय से पैसा नहीं आ रहा है. सभी को घर बैठने बोल दिया गया है. इस बेरोजगारी के दौर में कहां से दूसरा काम ढूंढने जाए. मालखरौदा के सफाईकर्मियों का कहना है कि कोरोना के दौरान जान जोखिम में डालकर काम किया है. कोरोना संक्रमितों के शव भी उठाए हैं. 4 महीने से कोई पेमेंट भी नहीं दिया गया है. अब खाली हाथ घर बैठने बोल दिया गया है. घर में छोटे बच्चे हैं ऐसे में घर चलाने की परेशानी खड़ी हो गई है.
ड्यूटी पर वापस बुलाने की लगाई गुहार
सफाईकर्मियों ने मांग की है कि उन्हें ड्यूटी पर वापस बुलाया जाए. उन्हें जो पेमेंट पेंडिग है उसका भुगतान किया जाए. उन्हें घर बैठने के लिए न बोला जाए. सभी सफाईकर्मियों ने कलेक्टर से नौकरी पर वापस बुलाने की गुहार लगाई है.
12 महीने के लिए की गई थी नियुक्ति
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसआर बंजारे का कहना है कि इस मामले में खंड चिकित्सा अधिकारियों से चूक हुई है. उन लोगों ने नियुक्त किए गए सफाईकर्मियों को यह नहीं बताया कि उनकी नियुक्ति 12 माह की है. उनके लिए आने वाला मानदेय भी अब बंद हो चुका है. इस मामले में अब अधिकारी गोल मोल जवाब दे रहे हैं. लेकिन सवाल है कि इस संकट काल में ये सफाई कर्मी कहां जाएं.
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