जांजगीर-चांपा(सेंट्रल छत्तीसगढ़): इस साल गर्मी की शुरुआत के साथ ही जिले में तेज गर्मी पड़ रही है. मार्च के पहले सप्ताह में ही पारा 30 डिग्री से ऊपर चला गया है. प्रदेश में सबसे ज्यादा गर्मी जांजगीर-चांपा जिले में ही पड़ती है. तेज गर्मी का असर फसल पर भी पड़ रहा है. मौसम विज्ञानी का कहना है कि आने वाले दिनों में गर्मी और तेजी से बढ़ेगी. इसका सीधा असर फसलों के उत्पादन पर पड़ेगा.
मार्च में मई की गर्मी
मार्च में मई की गर्मी
जिले में गर्मी से सड़कों पर आवाजाही कम हो गई है. लोग जरूरी काम होने पर ही पूरी तैयारी के साथ घर से बाहर निकल रहे हैं. तेज गर्मी से फसलों पर भी इसका असर पड़ रहा है.
ज्यादा गर्मी से फसल को नुकसान
गर्मी बढ़ने से क्यों होता है फसल को नुकसान?
एग्रीकल्चर कॉलेज जांजगीर के डॉ. मेश्राम का कहना है कि ज्यादा गर्मी पड़ने से कुछ कीट-पतंगों की प्रजातियां कई गुना बढ़ जाती है. इन कीट-पतंगों से फसल को काफी नुकसान होता है. कीट-पतंगों को अनुकूल मौसम और पर्याप्त भोजना मिलता है. यह उनकी बढ़ोतरी के लिए अनुकूल होता है. ये कीट कई गुना वृद्धि करते हैं.
ज्यादा गर्मी से फसल को नुकसान
समय से पहले पक रही फसल
मौसम विज्ञानी डॉ. मंजू टंडन ने बताया कि पहली बार यह देखने को मिल रहा है कि ज्यादा गर्मी की वजह से गेहूं की फसल समय से पहले पक रही है. फसल का उत्पादन प्रभावित हो रहा है. बालियों में दाने छोटे और कम आ रहे हैं. अभी तो गर्मी शुरू ही हुई है, आगे गर्मी और बढ़ेगी. इसके साथ ही ओला-पाला भी पड़ेगा. यह फसल के उत्पादन को काफी प्रभावित करेगा. इस बात का भी संशय रहेगा कि कौनसी वेरायटी की फसल ली जाए.
समय से पहले ही पक रही सब्जियां
गर्मी से सब्जियों के दामों पर असर
उद्यानिकी विशेषज्ञ डॉ. चंद्रशेखर खरे ने बताया कि ज्यादा गर्मी पड़ने के कारण सब्जियों में हरेपन और कोमलता की कमी देखने को मिल रही है. जिससे बाजार में सब्जियों के दामों में काफी असर देखने को मिल रहा है.
आखिर तेज गर्मी क्यों?
गर्मी का असर ना केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश में दिखाई दे रहा है. जांजगीर-चांपा जिले की भौगोलिक स्थिति इस तरह से है कि यहां सूरज की किरणें सीधी पड़ती हैं. यहां जनसंख्या घनत्व भी सबसे ज्यादा है. यह भी ज्यादा गर्मी पड़ने का कारण है. पिछले कुछ सालों में जिले में थर्मल पावर प्रोजेक्ट की अधिकता की वजह से भी मौसम में परिवर्तन हुआ है. गर्मी का असर ना केवल फसलों और आम जनजीवन में दिख रहा है बल्कि पानी के स्रोत भी तेजी से नीचे गिरे हैं. जिसकी वजह से आने वाले दिनों में जल स्रोतों की कमी होने की आशंका जताई जा रही है.