कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़):-कोरबा 06 जनवरी 2021/शहर के बीच स्थित अशोक वाटिका का जीर्णाेंद्धार एवं सौंदर्यीकरण आने वाले दिनो में होगा। यहां ऑक्सीजोन विकसित करने का काम भी जल्द शुरू होने के आसार हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोरबा प्रवास के दौरान हाल में ही इसके विकास के लिए घोषणा की है। इसी तारतम्य में आज सुबह राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद और अन्य अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों के साथ वाटिका का निरीक्षण किया। वाटिका में 15 से अधिक प्रकार के निर्माण काम कराये जाएंगे और चंदन के पेड़ लगाये जाएँगे। ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र के अंतर्गत अशोक वाटिका को सामान्य रूप से विकसित करने का काम कई दशक पहले किया गया। वाटिका में फाउंटेन लगाने के साथ यहां कई प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं। आसपास के लोगों की उपस्थिति सुबह और शाम की सैर के लिए अशोक वाटिका में होती रही है। अभी खेल गतिविधियों के रूप में भी आंशिक तौर पर इसका उपयोग हो रहा है। इस अशोक वाटिका को ऑक्सीजोन रूप में विकसित करने के लिए 10 करोड़ रुपए की धन राशि की घोषणा की गई है। इस पर जल्द अमल हो इसके लिए प्रशासन हरकत में आ गया है। इस दौरान सभापति श्यामसुंदर सोनी, डीएफओ एन रघुनाथन, एसडीएम सुनील नायक, अपर आयुक्त नगर निगम अशोक शर्मा, अधीक्षण अभियंता ग्यास अहमद, कार्यपालन अभियंता अरुण शर्मा, रेंजर कर्माकर, श्रीकांत बुधिया, महेश भावनानी, सुभाष अग्रवाल, एल्डरमेन एस.मूर्ति भी मौजूद रहे।
राजस्व मंत्री ने कलेक्टर एवं अधिकारियों के साथ वाटिका की मौजूदा स्थिति देखी। वाटिका में ही संक्षिप्त बैठक में यहां व्यापक परिसर उपलब्ध होने और विभिन्न प्रकार के काम किये जाने की संभावनाएं तलाशी गई और इस बारे में अधिकारियों से बातचीत की गई। इस दौरान अधिकारियों को जल्द कार्ययोजना तैयार करने के साथ काम प्रारंभ करने को कहा गया। वाटिका के विकास से क्षेत्रवासियों को दैनिक कार्यों के लिए एक अच्छी जगह उपलब्ध हो सकेगी। आज हुई प्रारम्भिक चर्चा के दौरान अशोक वाटिका में बाउंड्रीवाल, फाउंटेन, वाटर सप्लाई, योगा हट्स का विस्तार, एक्यूप्रेशर पाथवे, चिल्ड्रन गार्डन, बटरफ्लाई, व्हालीबॉल ग्राउंड का विस्तार, चबूतरों का निर्माण, चंदन पौधों का रोपण, चेंज रूम, वाक-वे का निर्माण, पार्किंग निर्माण, अन्य सौंदर्यीकरण कार्य, चार स्थानों पर पब्लिक डॉयलेट बनाने कामों की जरूरत को चिह्नांकित किया गया है। इस वाटिका के पूर्ण विकसित हो जाने पर सुबह पांच से नौ बजे और शाम को पांच बजे से लोग निःशुल्क प्रवेश कर सकेंगे।