कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़)अंकित सिंह:-कुसमुंडा क्षेत्र के भूविस्थापित किसान भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के बेनर तले 1 नवंबर से जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर 267 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे है। ठंडी,गर्मी, बरसात और करोना की लहर ने भी रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे भू विस्थापितों के हौसले को तोड़ नहीं पाई। 267 दिनों में 6 बार खदान बंद भी किया गया और आंदोलन कर रहे 16 लोगों को जेल भी भेजा गया लेकिन भू विस्थापित अब रोजगार मिलने तक संघर्ष जारी रखने की बात पर अड़े हुए हैं 30 जून को गेवरा महाघेराव में भी बड़ी संख्या में कुसमुंडा के भूविस्थापित परिवार सहित शामिल हुए थे। रोजगार की मांग को लेकर भू विस्थापितों के साथ छत्तीसगढ़ किसान सभा के कार्यकर्ता शुरू से ही आंदोलन के शामिल होकर सहयोग कर रहे हैं।
भूविस्थापित संघ के सचिव दामोदर श्याम और उपाध्यक्ष रेशम यादव ने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन हर बार आंदोलन को समाप्त कराने के लिए झूठा आश्वासन देता है और भू विस्थापितों को गुमराह करके आंदोलन को तोड़ने की कोशिश कर रहा है जिसे भूविस्थापित कभी कामयाब नहीं होने देंगे 5 अगस्त को कुसमुंडा गेवरा दीपका खदान बंद करने की घोषणा की गई है। 5 अगस्त को रोजगार एकता संघ के कार्यकर्ता कुसमुंडा खदान बंद और कार्यालय में तालाबंदी को सफल बनाने के लिए गांव गांव में बैठक और नुक्कड़ सभा करेंगे। भूविस्थापित जमीन के बदले रोजगार मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे।
भूविस्थापितों ने कहा कि विकास परियोजना के नाम पर गरीबों को सपने दिखा कर करोड़ो लोगों को विस्थापित किया गया है अपने पुनर्वास और रोजगार के लिए भू विस्थापित परिवार आज भी भटक रहे हैं। दमन के आगे संघर्ष तेज करने के संकल्प के साथ आंदोलन जारी रखने का संकल्प भी भूविस्थापितों ने लिया है।
267 दिन से चल रहे आंदोलन में प्रमुख रूप से दामोदर श्याम, रेशम यादव,दीना,जय कौशिक,सुमेन्द्र सिंह, सनत,बलराम,अनिल,हेमलाल, मोहन ,हरिशंकर, चन्द्रशेखर, राजेश,रघु,गणेश,रविशंकर, रघुनंदन,होरी,राधेश्याम, जितेंद्र, हरियर, पंकज, के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित उपस्थित थे।
गणेश प्रभु को रोजगार एकता संघ से किया गया निष्कासित
भूविस्थापित रोजगार एकता संघ ने भू विस्थापित संगठन के सदस्य गणेश प्रभु को संगठन विरोधी गतिविधियों के आरोप में संगठन से निष्कासित कर दिया है।
भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के रेशम यादव और दामोदर श्याम ने बताया कि गणेश प्रभु के खिलाफ संगठन विरोधी गतिविधियों को संचालित करने तथा संगठन के निर्णयों के खिलाफ काम करने और भूविस्थापितों के आंदोलन को कमजोर करने जैसे गंभीर आरोप थे।
रोजगार एकता संघ की बैठक कुसमुंडा कार्यालय के सामने चल रहे धरना स्थल में हुई बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से गणेश प्रभु को संगठन से निष्कासित करने का फैसला लिया है।