जहां आज एक ओर लोग धर्म के नाम पर एक दूसरे के जान के दुश्मन बन जाते है वहीं कोरबा में एक मुस्लिम ने इंसानियत का परिचय देते हिन्दू परिवार की देखरेख का जिम्मा उठा रखा है। यहां परिवार के खर्च से लेकर बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा भी पिछले 9 साल से वो दूसरे धर्म का इंसान उठा रहा है वो न कभी इस परिवार से मिलने आता है न ही अपनी नेकी का शोर मचाना चाहता है। चाहता है तो बस इतना की अमन का प्रदेश छत्तीसगढ़ में वही अमन कायम रहे। कोरबा के बुधवारी में रह रहे इस साहू परिवार को भी उस नेकदिल इंसान से मिले सालो हो गए है लेकिन आर्थिक मदद समय पर पहुंच जाती है। परिवार ये कहता भी नहीं थकता जब शराब पीने से पति की मौत के बाद हमारे अपनो ने हमारा साथ छोड़ दिया तब उस मकान मालिक ने न केवल अपना घर हमको सौंप दिया जिसमें हम किराए पर रहते है साथ ही बच्चों की पढ़ाई व अन्य जरूरतों का भी पूरा ध्यान रखा। ऐसे में मजहब की बात करने वाले वो लोग ही जाने पर हमारे लिए तो जिन्होंने ये सब किया है वो ही हमारे लिए सब कुछ है।