जगदलपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) हिमांशु डिक्सेना: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आव्हान पर बस्तर में भी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया. साथ ही स्वर्गीय इंदिरा गांधी के शहादत और सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर किसान अधिकार दिवस मनाया. सिरासार चौक में कांग्रेसियों ने धरना प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने किसान कृषि कानून का विरोध किया. कांग्रेसियों ने सत्याग्रह कर अपना विरोध दर्ज किया.
बस्तर कांग्रेस कमेटी के शहर जिला अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जो किसानों के लिए कृषि कानून लाया गया है. वह पूरी तरह से किसान विरोधी है. कांग्रेस इस कानून का पुरजोर विरोध करती है. यह कानून देश के किसानों और खेतिहर मजदूर की मेहनत को चंद पूंजीपतियों के हाथों में गिरवी रखने का षड्यंत्र है. इसका असर किसान, मजदूर और ट्रांसपोर्ट पर होगा.
जमाखोरी और कालाबाजारी शुरू हो जाएगी
उन्होंने कहा कि इस कानून से किसानों को ठेका प्रथा में फंसा कर उसे अपने ही जमीन में मजदूर बना दिया जाएगा. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसान को अपनी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना अनिवार्य नहीं है. कृषि उत्पाद फल ,फूल और सब्जियों की स्टॉक लिमिट को पूरी तरह से हटा दी जाएगी. चीजों की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले चंद लोगों को उपभोक्ता को लूटने की पूरी आजादी होगी. इस कानूनों में मजदूर और कामगारों के अधिकारों के संरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे में आज इंदिरा गांधी की शहादत दिवस और सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर कांग्रेस इसे किसान अधिकार दिवस के रूप में मना रही है.
केंद्र सरकार किसानों से कर रही छलावा
बता देंं कि ग्रामीण जिला अध्यक्ष बलराम मौर्य ने कहा कि कांग्रेस कमेटी इस कानून का पुरजोर विरोध करती है. केंद्र सरकार की ओर से किसानों के साथ छलावा किया जा रहा है. कृषि कानून से देश के सभी किसानों को नुकसान पहुंचेगा. ऐसे में इस कानून के विरोध में कांग्रेस धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रही है.