डैक्स कोरबा(सिंघिया):-* राज्य शासन की “नरवा,गरुवा,घुरुवा,बारी” योजना सिंघिया पंचायत में प्रारंभिक अवस्था में ही दम तोड़ती नजर आ रही है।छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनते ही सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य के विकास में नई पहल की शुरुआत को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को गति देने इस योजना का शुभारंभ किया गया।लेकिन जिले के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी व जनप्रतिनिधि इन योजनाओं के प्रति कितने गंभीर है,इसका ताजा उदाहरण पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के सिंघिया ग्राम पंचायत में देखने को मिला।
छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी-नरवा,गरुवा,घुरुवा अउ बारी स्लोगन के साथ भूपेश सरकार की इस महत्वकांछी योजनान्तर्गत ग्राम पंचायत सिंघिया में निर्मित गौठान का बीते 01 अगस्त को हरेली त्योहार के दिन पाली-तानाखार विधायक मोहित केरकेट्टा के मुख्य आतिथ्य में जिला व जनपद तथा ग्राम पंचायत के विभिन्न जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में लोकार्पण किया गया।लेकिन इसके बाद उक्त गौठान महज शो पीस बनकर रह गया है।और जहाँ पालतू तथा आवारा पशुओं के रहने और उनके चारे की व्यवस्था के लिए लाखो से निर्मित इस गौठान में गौवंश देखने को नही मिल रहें तथा वर्तमान में लगभग 4 दर्जन मवेशियों को गौठान के बजाय पंचायत भवन परिसर के भीतर विगत 2 दिन से रखा गया है।जहाँ चारे पानी के अभाव में मवेशी भूख प्यास से तड़प रहे है।इस प्रकार गौठान का निर्माण व लोकार्पण हो जाने के बाद भी इसका लाभ नही मिलने से जहां एक तरफ ग्रामीणों में नाराजगी है,तो वहीं दूसरी ओर लाखों खर्च के बाद भी शासन के योजना का मंशानुसार सही क्रियान्वयन नही हो पा रहा है।अगर यही हाल रहा तो उक्त योजना धरातल पर से जल्द ही जमीदोज हो जाएगा।