छत्तीसगढ़ में गांधी जंयती के शुरू की गई पाँच योजना का प्रदेश में लोगों को मिल रहा है लाभ

 

रायपुर (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) :-  छत्तीसगढ़ में राष्ट्रपिता महात्मा गाधी की 150वी जयंती के मौके पर सीएम भूपेश बघेल ने 2 अक्टूबर साल 2019 को राज्य में पांच बड़ी योजनाओं सुरू की थी. इन योजनाओं में प्रदेश वासियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य और और लोगों की समस्याओं के निवारण को लेकर तक की योजनाएं शामिल है. जिनमें मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना यूनिवर्सल पीडीएस स्कीम और मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना शुरू की गई थी.

2 अक्टूबर 2019



पिछले 2 सालों में इस योजनाओं का प्रदेश में किस तरह असर रहा और किस तरह यह योजना चल रही है. इसकी पड़ताल करने के लिए मिडिया ने कांग्रेस नेताओं से खास बातचीत की, जिस पर नेताओं ने बताया कि प्रदेश में सुचारू रूप से सभी योजनाएं लागू है और लोगों को सीधे तौर पर इसका लाभ भी मिल रहा है.

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान

छत्तीसगढ़ में कुपोषण को दूर करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई अभियान को सफल बनाने के लिए इसमें जन समुदाय का भी सहयोग लिया गया जनवरी 2019 की स्थिति में प्रदेश में कुपोषित बच्चों की संख्या 4 लाख 33 हजार 541 थी, इनमें से मई 2021 की स्थिति में लगभग एक तिहाई 32फ़ीसदी अर्थात 1 लाख 40 हजार 556 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए हैं,, पिछले कुछ दिनों पहले पंडो जनजाति के लोगों के कुपोषण के चलते मौत के मामले सामने आए थे, जानकारों का कहना है कि सरकार द्वारा कुपोषण से निपटने की योजना बनाई गई है इस दिशा में काम भी हो रहा है लेकिन कुपोषण अगर बढ़ता है तो सीधे तौर पर इसके लिए प्रशासनिक अमला जिम्मेदार है जो सरकार की योजनाओं को सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं कर रहा, इस दिशा में सरकार को और बेहतर कार्य करने की आवश्यकता है ताकि प्रदेश से कुपोषण समाप्त हो सके.

मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना

प्रदेश के आदिवासी अंचल और वनांचल क्षेत्रों में नियमित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने हाट बाजारों में मेडिकल टीम भेजकर लोगों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार देने की योजना की शुरुआत की गई वही बस्तर अंचल पर इसका असर देखने को मिल रहा है,, आदिवासी अंचल से लोग हाट बाजार पहुंचते हैं और अपना रेगुलर चेकअप करवाते हैं इसका असर यह देखने को मिला है,, इस योजना से अब तक कुल 12 लाख 17 हजार 393 लाभान्वित हुए है,, इस योजना का असर दिखा आदिवासी अंचलों में सही समय पर जांच होने पर सही इलाज मिल पाया,, वनांचल जैसे क्षेत्रों में मलेरिया से राहत मिली.

मुख्यमंत्री शहरी जन स्वास्थ्य योजना

प्रदेश के 13 नगर निगम के स्लम क्षेत्रों में सप्ताह में 1 दिन मोबाइल मेडिकल यूनिट भेजकर जरूरी जांच के साथ निशुल्क दवाइयों के लिए इस योजना की शुरुआत की गई,, अब तक इस योजना के तहत 14902 मोबाइल मेडिकल यूनिट कैंप आयोजित किए गए हैं, इस कैंप में तेरा नगर निगम के 9लाख 9 हजार 957 मरीज लाभान्वित हुए,,

यूनिवर्सल पीडीएस स्कीम

2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी जयंती के दिन प्रदेश के सभी परिवारों को खाद सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए सार्वभौम पीडीएस का शुभारंभ किया गया था, इस योजना के अंतर्गत प्राथमिक राशन कार्ड में खाद्यान्न पात्रता में वृद्धि के साथ बीपीएल के साथ-साथ एपीएल परिवारों को भी खाद्यान्न प्रदान करने का निर्णय लिया गया था,, वर्तमान में इस योजना के अंतर्गत 68 लाख 62 हजार 603 हितग्राहियों को लाभ मिल रहा है.

मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना

आम नागरिकों को तत्काल सेवा उपलब्ध कराने और मूलभूत चीजें जिनमें स्वच्छता स्ट्रीट लाइट सड़क रखरखाव नालियों की साफ-सफाई जलापूर्ति से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना की शुरुआत की गई पहले चरण में प्रदेश के 13 नगर निगम में यह वार्ड कार्यालय का काम शुरू करना था लेकिन रायपुर के अलावा अन्य सभी नगर निगमों में मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय को लेकर कोई बेहतर कार्य नजर नहीं आ रहा है, तीन लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगमों में 2 वार्डों के लिए एक कार्यालय और दो से तीन लाख की आबादी वाले नगर निगम में 3 वार्ड के लिए एक मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय खोले जाने का निर्णय लिया गया था , लेकिन ज्यादातर नगर निगम में अब तक मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय नहीं खोले गए है, जहां खोले भी गए हैं वहां ना ही अधिकारी मौजूद रहते हैं और ना ही उस तरह से लोगों की समस्याओं का निराकरण हो पाता है लोगों को अपनी समस्याओं को लेकर नगर निगम जोन दफ्तर या नगर निगम के कार्यालयों पर जाना पड़ता है.

‘ कुपोषण में गिरावट’

कांग्रेस पार्टी के संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने इन योजनाओं की उपलब्धि बताई है. एक और उन्होंने सुपोषण अभियान के अच्छे परिणाम आने की बात, बताया कि कुपोषण के आंकड़ों में 40% से अधिक गिरावट आई है. महिलाओं एनीमिया से जूझने और लड़ने के लिए बहुत बड़ी पहल की गई है, उसके भी अच्छे परिणाम आ रहे हैं. हाट बाजार क्लीनिक को लेकर उन्होंने कहा बस्तर के यह बेहद ही उपयोगी योजना साबित हुई है.

त्रिवेदी ने कहा कि पीडीएस स्कीम के तहत सिलगेर जो सुकमा जिला का अंतिम ग्राम है, अंतिम छोर में भी राशन कार्ड बन रहे हैं. अबूझमाड़ में जहां सरकारी अमला नहीं जाया करता था वहां पर राशन कार्ड बन रहे हैं तो यह दर्शा रहा है कि सरकार लोगों की सहायता के लिए लोगों तक योजना पहुंचाने के लिए कितनी सजग है, सभी लोगो को इन योजनाओं का लाभ मिल रहा है खास तैर पर बस्तर के लोगों को भी लाभ मिल रहा है.

गांधीजी की खाती है लेकिन बजाती नहीं है

2019 में गांधी जयंती के अवसर पर शुरू की गई इन 5 योजनाओं को लेकर पूर्व मंत्री और भाजपा के विधायक बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस के विकास करने की ना नीति है ना नियत है, और ना ही कोई कार्यक्रम है, यह सरकार सिर्फ घोषणाएं करती है, यह घोषणाएं मैदान में दिखाई नहीं देती,क्या हुआ यूनिवर्सल हेल्थ कार्ड और यूनिवर्सल राशन कार्ड का,, आज आधे से ज्यादा राज्य में या बन गया है लेकिन छत्तीसगढ़ के 2 जिलों में भी यहीं से नहीं बन पाई है, हमने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय खोला गया लेकिन मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय का क्या हुआ कहा गए यह कार्यालय,, यह सरकार महात्मा गांधी के नाम का दुरुपयोग कर रही है, गांधीजी की खाती है लेकिन बजाती नहीं है.