रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग (Chhattisgarh State Commission for Women) की ओर से महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई रखी गई थी. जिसमें महिला आयोग के समक्ष महिला उत्पीड़न से संबंधित 20 प्रकरण सुनवाई के लिए रखे गए. इन केसों में आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक (Dr. Kiranmayi Nayak) समेत आयोग के सदस्यों ने 8 प्रकरण को रद्द कर दिया. जबकि अन्य प्रकरण को आगामी सुनवाई के लिए रखा गया है. इस दौरान महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक (Chairperson of Women Commission Dr. Kiranmayi Nayak) ने कड़े शब्दों में कहा कि सामाजिक तलाक किसी भी परिस्थिति में मान्य नहीं होगा.
पंचायत सचिव की पत्नी ने की आयोग में शिकायत
आज हुई सुनवाई के दौरान एक प्रकरण मे पत्नी ने पंचायत सचिव पति के खिलाफ आयोग में शिकायत की थी. उसने अपने पति द्वारा समाजिक तलाक लेकर भरण पोषण नहीं देने का आरोप लगाया. चूंकि यह मामला न्यायालय में लंबित है, जो आयोग द्वारा विवेचना करना उचित नहीं है. लेकिन, शासकीय सेवा में होते हुए सामाजिक तलाक का उल्लेख करना उचित नहीं है, जो कि अपने आप मे त्रुटिपूर्ण है.
आयोग की अध्यक्ष डॉ. नायक ने बताया कि, ऐसा करना सिविल सेवा आचरण संहिता के खिलाफ है. ऐसी दशा में आवेदिका चाहे तो पंचायत विभाग को पत्र लिखकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है.
पति का इलाज नहीं कराने पर ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत
महिला आयोग में विभिन्न तरह के मामले सामने आए हैं. इन्ही में से एक मामले में एक महिला ने ससुराल वालों के खिलाफ पति का मानसिक संतुलन बिगड़ने के कारण इलाज न कराने को लेकर शिकायत की है. ससुराल वाले आवेदिका के पति के इलाज के समस्त दस्तावेजों को लेकर आयोग के समक्ष उपस्थित रहे. आवेदिका और ससुराल वालों को आयोग द्वारा समझाइश दिया गया कि जब तक आवेदिका के पति का इलाज चलेगा तब तक आवेदिका को जानकारी देने की सलाह दी जाएगी. इस प्रकार इस केस का निपटारा किया गया