छत्तीसगढ़ के जंगलो में अंधाधुन कटाई, उत्खनन और शिकार पर अंकुश लगाने नाकाम हुवा वन विभाग, रिपोर्ट में चौकाने वाले आंकड़े.


रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़):-
छत्तीसगढ़ के जंगलों में अवैध उत्खनन, वन कटाई और शिकार दिनों दिन बढ़ते जा रहा है. इस पर अंकुश लगाने में वन विभाग अब तक नाकाम रहा है. आए दिन जंगलों की कटाई अवैध उत्खनन और शिकार के मामले प्रकाश में आते रहे हैं. बावजूद इसके इन मामलों में कोई बड़ी कार्रवाई अब तक नहीं हुई है. जिस वजह से वन अपराध से जुड़े लोगों का मनोबल लगातार बढ़ रहा है.

green forest

हराभरा जंगल

आंकड़े बताते हैं कि मामला दर्ज होने के बाद भी कई तकनीकी कारणों और कानूनी दांवपेच के बीच आरोपी सलाखों के पीछे नहीं पहुंच सके हैं. या यूं कहें कि कानूनी दांवपेच का फायदा उठाते हुए बच निकलते हैं. इतना ही नहीं उनके खिलाफ जो फाइल (जुर्माने की राशि) लगाई जाती है. उसकी रिकवरी भी नहीं हो पाती है. जिस वजह से लंबित मामलों की संख्या लगातार बढ़ती रहती है.

आइए जानते हैं कि छत्तीसगढ़ के जंगलों में अवैध उत्खनन, वन कटाई और शिकार के कितने मामले दर्ज हुए

मामले201920202021
अतिक्रमण272502329
अवैध परिवहन42625486
अवैध कटाई19,57521,04612868
अन्य19231,4561282
कुल22,19623,25814565

जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में साल 2019 से लेकर साल 2021 तक लगभग 60,000 से अधिक मामले इन मामलों में सबसे ज्यादा संख्या वन कटाई की है. उसके बाद उत्खनन और शिकार के मामले शामिल हैं. वनों में हो रहे अवैध उत्खनन, वन कटाई और शिकार को रोकने के लिए फॉरेस्ट गार्ड की नियुक्ति की गई है. लेकिन संसाधनों के अभाव में इन सभी प्रकरणों पर नियंत्रण नहीं लग पा रहा है.

Illegal felling of wood

लकड़ियों की अवैध कटाई

कुछ माह पूर्व रायपुर के खमतराई में वन विभाग ने तकरीबन 7 घन मीटर लकड़ी जब्त की थी. वन विभाग ने इसका अलग अलग 7 सैंपल आईडब्ल्यूएसटी के लिए भेजा था. इसमें करीब डेढ़ घन मीटर लकड़ी रक्त चंदन की निकली है. इसे आरोपी खैर यानी कत्था बनाने वाली लकड़ी के बीच में छिपाकर चाइना भेजने की तैयारी में थे. जिसे वन विभाग ने छापा मारकर जब्त किया. इसकी कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये आंकी गई थी. चंदन की लकड़ी सात अलग-अलग किस्म की लकड़ियों में छुपाकर चाइना भेजने की तैयारी थी. लकड़ियों को इस तरह से मिक्स किया गया था कि अलग-अलग पहचानना मुश्किल हो गया था. तस्करों ने इसी का फायदा उठाकर रायपुर के रास्ते उत्तर प्रदेश और वहां से हिमाचल प्रदेश होते हुए चाइना तक ले जाने की तैयारी की थी. जिसे वन विभाग ने नाकाम कर दिया था. चीन में चंदन लकड़ी की डिमांड ज्यादा है. वहां तस्करों को मुंह मांगी रकम मिल जाती है. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ से चोरी छिपे तस्करी की जाती है.

वहीं जंगलों में अवैध कटाई और लकड़ी तस्करी सहित अन्य अपराधों को लेकर जब छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) राकेश चतुर्वेदी से फोन पर चर्चा की गई. तो उन्होंने कहा कि अवैध कटाई और लकड़ी तस्करी सहित वन से जुड़े अन्य अपराधों को रोकने के वन विभाग लगातार सतर्क रहता है. ऐसे मामलों को रोकने के लिए उड़नदस्ते तैनात किए गए हैं. जो समय-समय पर छापेमारी कार्रवाई को अंजाम देते हुए जंगल कटाई और लकड़ियों की अवैध तस्करी को रोकते हैं. इतना ही नहीं इस दौरान मामले दर्ज कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाती है. हालांकि प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि इस पूरी कार्रवाई के बीच आरोपियों पर जो जुर्माना लगाया जाता है. उसकी रिकवरी (फाइन एंड कंपनसेशन) करने में उन्हें जरूर परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

हर साल छत्तीसगढ़ में लगभग 20 हजार से ज्यादा वन अपराध दर्ज किए जाते हैं. लगातार वन अपराध की बढ़ती संख्या कहीं ना कहीं विभाग के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. उससे ज्यादा गंभीर समस्या कार्रवाई के बाद रिकवरी का ना होना है. लेकिन अब देखने वाली बात है कि आने वाले समय में वन विभाग इन समस्याओं से कैसे निपटता है.