छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड ने बस्तर आर्ट सहित विभिन्न कलाओं की ऑनलाइन बिक्री शुरू कर दी है, लॉकडाउन के दौरान एंपोरियम और हाट बाजार बंद होने के बाद बोर्ड ने पहल करते हुए उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री शुरू कर दी हैं..

रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) ब्यूरो रिपोर्ट : कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बाद काफी बदलाव देखने को मिला है. जहां एक ओर लोगों की दिनचर्या और आवश्यकता बदली है, तो वहीं दूसरी ओर व्यापारियों ने भी लोगों तक उनके उपयोग की वस्तुएं पहुंचाने के लिए विभिन्न साधनों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. जिसमें ऑनलाइन, घर पहुंच सेवा प्रमुख है. इन सेवाओं का इस्तेमाल अब तक निजी संस्थानों के द्वारा ही किया जाता रहा है, लेकिन अब सरकारी उपक्रम भी ऑनलाइन सुविधा मुहैया कराने की ओर अग्रसर हैं.

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विभिन्न कलाओं की ऑनलाइन बिक्री

छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड की पहलधातु कला

इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड ने भी पहल की है. हस्तशिल्प विकास बोर्ड के द्वारा अब छत्तीसगढ़ के कारीगरों और कलाकारों के द्वारा निर्मित वस्तुओं और कलाओं को ऑनलाइन बेचने की व्यवस्था की गई है. इन वस्तुओं को ई कॉमर्स साइट के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है. अब लोग घर बैठे बस्तर आर्ट से लेकर छत्तीसगढ़ की विभिन्न कलाओं, आभूषणों ओर पोशाकों को देख और खरीद सकेंगे. जो चीजें अब तक शासकीय एंपोरियम और प्रदर्शनी के माध्यम से हस्तशिल्प विकास बोर्ड बेचता था अब वह ऑनलाइन उपलब्ध हो रही हैं.

हाट बाजार के एंपोरियम में विभिन्न कलाकृतियांकाष्ट शिल्प

छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के रायपुर पंडरी स्थित हाट बाजार के एंपोरियम में विभिन्न क्षेत्रों के शिल्पकारों के द्वारा बनाई गई कलाकृतियों और वस्तुओं को बेचने के लिए रखा गया है. एंपोरियम के मैनेजर एचबी अंसारी ने बताया कि एंपोरियम में बस्तर सहित अन्य दूरस्थ अंचलों से कई प्रकार की शिल्प कलाकृतियां आभूषण और वस्तुएं बिकने के लिए आती है. जिसमें मिट्टी शिल्प, काष्ट शिल्प, बांस शिल्प, पत्ता शिल्प, कंघी शिल्प, धातु कला, घढ़वा कला, लौह शिल्प, तीर धनुष कला, प्रस्तर शिल्प और मुखौटा कला सहित अन्य कलाओं की वस्तुएं शामिल है.

ऑनलाइन मिल रहे 14 तरह के विभिन्न कलाओं के उत्पाद

छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के प्रबंध संचालक सुधाकर खालखो ने बताया कि प्रदेश की 14 प्रकार की विभिन्न कलाओं को अब ऑनलाइन बेचा जा रहा हैं. जिसमें मिट्टी धातु, लोह सहित अन्य चीजों से बनी कलाकृतियां और वस्तुएं शामिल है. जिन्हें प्रदेश के दूरस्थ अंचलों के कलाकारों के द्वारा तैयार किया गया है. छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास निगम के द्वारा इन वस्तुओं को एकत्र कर एंपोरियम के माध्यम से बेचा जाता है. जिससे प्रदेश के विभिन्न जिलों में दूरस्थ इलाकों के रहने वाले कलाकारों को उनके वस्तुओं की उचित कीमत मिलती है.

कोरोना संक्रमण के दौरान लगाए गए लॉकडाउन की वजह से यह काम थम गया था और इन कलाकारों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया था, क्योंकि इस बीच एंपोरियम बंद था, जिस वजह से इन कलाकारों की कलाकृतियां और वस्तुएं ग्राहकों तक नहीं पहुंच पा रही थी. जब वस्तुएं नहीं बिकती तो इन कलाकारों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन अब बोर्ड के द्वारा ऑनलाइन एप के माध्यम से कलाकृतियां और वस्तुएं कला प्रेमियों तक पहुंचाई जा रही है.

विदेशों से भी मिल रहे ऑर्डर

खालको ने कहा कि अब लोग घर बैठे बस्तर के आर्ट से लेकर प्रदेश की विभिन्न कलाकृतियों को ऑनलाइन मंगा सकेंगे. खलखो ने बताया कि इसकी शुरुआत में ही उन्हें अच्छे ऑर्डर मिलने लगे हैं. देश सहित विदेश के लोग भी घर बैठे प्रदेश की कलाकृतियां और वस्तुएं मंगा रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में बस्तर के कलाकारों को ऑनलाइन के माध्यम से बड़ा बाजार उपलब्ध होगा. जिससे उन्हें उनकी कलाकृतियों और वस्तुओं का उचित मूल्य मिल सकेगा और इन कलाकारों को आर्थिक मदद मिलेगी.

शिल्पकला के साथ हथकरघा उद्योग को भी मिलेगा बढ़ावा

इस ऑनलाइन व्यवस्था के तहत बस्तर की विभिन्न शिल्प कलाओं सहित हथकरघा कपड़ा उद्योग को भी शामिल किया गया है. जिससे यहां के कोसा सहित दूसरे तरह के कपड़े लोगों तक पहुंचाए जा सकेंगे. खालको ने बताया कि यह एक शासकीय उपक्रम है इस वजह से इसमें किसी प्रकार की धोखाधड़ी, क्वॉलिटी में कमी या कीमत के संबंध में आम लोगों को किसी प्रकार की शिकायत नहीं मिलेगी.

छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के द्वारा की गई यह पहल कितनी कारगर साबित होगी इसका पता तो आने वाले समय में ही चलेगा लेकिन यह जरूर है कि कोरोना काल के दौरान अब लोगों का झुकाव ऑनलाइन खरीदी की ओर ज्यादा बढ़ गया है. यही वजह है कि जो सरकारी उपक्रम पहले अपने एंपोरियम या फिर प्रदर्शनी लगाकर वस्तुओं को बेचते थे अब उनका भी झुकाव ऑनलाइन बाजार की तरफ हुआ है.