‘छत्तीसगढ़ सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया या नहीं , मरीजों के इलाज के लिए क्या प्लान है?

रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़): पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने सोशल मीडिया पर छत्तीसगढ़ सरकार से सवाल पूछा है कि म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) को कई राज्यों ने महामारी घोषित कर दिया है. छत्तीसगढ़ में इसको लेकर क्या स्थिति है ? साथ ही उन्होंने पूछा है कि प्रभावितों को मुफ्त इलाज के लिए सरकार की क्या योजना है ? इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक पोस्ट कर राज्य सरकार पर हमला बोला.

Ajay Chandrakar targeted Chhattisgarh government

पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर का भूपेश सरकार पर निशाना

ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश के कई राज्यों ने इसे महामारी घोषित कर दिया है. केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग ने भी राज्यों से ऐसा करने की सलाह दी है, लेकिन छत्तीसगढ़ में फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है. जबकि प्रदेश में 100 से ज्यादा केस ब्लैक फंगस के केस सामने आ चुके हैं. राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, बिहार समेत कई राज्यों ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर रखा है.

ब्लैक फंगस क्यों चर्चा में ?

कोरोना से ठीक होने वाले कुछ मरीज ब्लैक फंगस का शिकार हो रहे हैं. आंखों में इंफेक्शन की इस बीमारी का शिकार वे मरीज हो रहे हैं जिन्हें हाइपर डायबिटीज है और वे कोरोना से भी संक्रमित हुए हैं.

क्या है ब्लैक फंगस ?

इस रोग में आंख की नसों के पास फंगस इंफेक्शन जमा हो जाता है, जो सेंट्रल रेटिनल आर्टरी के रक्त प्रवाह को बंद कर देता है. इसकी वजह से आंखों की रोशनी भी जा सकती है. कोरोना संक्रमित कुछ मरीजों में ब्लैक फंगस या म्यूकोरमाइसिस इंफेक्शन देखा गया है. यह इंफेक्शन इम्यूनिट पॉवर कमजोर होने पर मनुष्य के शरीर में घातक प्रभाव छोड़ता है. अगर समय पर इस बीमारी का इलाज नहीं किया जाए तो यह बीमारी मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.

ब्लैक फंगस के लक्षण

इस संक्रमण के शुरुआती लक्षण सिर में बहुत ज्यादा दर्द, आंखों में रेडनेस, आंखों से पानी आना, जैसी परेशानी को माना जा सकता है. इसके बाद नाक जाम होना, आंखों और गालों पर सूजन या पूरा चेहरा का फूल जाना भी शामिल हैं. कई बार नाक पर काली पपड़ी जमने लग जाती है.आंखों के नीचे दर्द या सिर में दर्द और बुखार भी इसके लक्षण हैं.