छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन, इन कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरेगा विपक्ष..

रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वित्तीय वर्ष 2020-21 के प्रथम अनुपूरक अनुमान का उपस्थापन करेंगे. सदन में आज धान खरीदी, खाद बीज की कमी, किसानों को किस्तों में भुगतान, अवैध रेत उत्खनन, अवैध शराब की बिक्री और हाथियों की मौत जैसे मामले गूंज सकते हैं . भारतीय जनता पार्टी कोरोना संक्रमण को लेकर काम रोको प्रस्ताव लाने की तैयारी में है. आज विधानसभा सत्र में जमकर हंगामा होने के आसार दिख रहे हैं. सदन की कार्यवाही सुबह 11.00 बजे से शुरू होगी. प्रश्न काल के दौरान स्वस्थ्य और गृह विभागों के मुद्दे उठाए जाएंगे.

Questions raised on these issues

इन मुद्दों पर उठेंगे सवाल

सत्र के दौरान इन 3 बिंदुों पर सरकार का ध्यान अकर्षित करेगी विपक्ष

  • नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक मक्का और धान के बीज की आपूर्ति को लेकर सरकार से करेंगे सवाल.
  • बीजेपी नेता बृज मोहन अग्रवाल हाथियों की मौत पर सरकार को घेरेंगे.
  • रमन सिंह खैरागढ़ जल आवर्धन योजना में हुए भ्रष्टाचार पर करेंगे सवाल.Questions raised on these issuesइन मुद्दों पर उठेंगे सवाल

  • सत्र के दौरानसीएम भूपेश बघेल साल 2020-21 का पहला अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखेंगे.
  • 4-4 वार्षिक प्रतिवेदन को सीएम और 1 वार्षिक प्रतिवेदन को शिक्षा मंत्री सदन में रखेंगे.Questions raised on these issuesइन मुद्दों पर उठेंगे सवाल



मानसून सत्र मंगलवार से शुरू हो गया है, जो 28 अगस्त तक चलेगा. सत्र के तहत कुल 4 बैठकें हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सदन में छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी, पूर्व मंत्री डेरहू प्रसाद धृतलहरे, अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री बलिहार सिंह, लोकसभा की पूर्व सांसद रजनीगंधा देवी और भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में शहीद जवानों और नक्सल हिंसा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई.मंगलवार को विधानसभा परिसर स्थित नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के कक्ष में भाजपा विधायक दल की बैठक हुई है.

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इन मुद्दों पर उठेंगे सवाल

बैठक में आगामी दिनों के लिए एक काम रोको प्रस्ताव के मुद्दे तय किए गए हैं और सामूहिक रूप से सदन में सरकार को घेरने की योजना बनाई गई है. कोरोना के संक्रमण को देखते हुए इस बार सिर्फ 4 दिन के लिए ही सत्र बुलाया गया है. विपक्ष का कहना था कि उनके पास कई मुद्दे हैं कई सवाल हैं और ऐसे में 4 दिन के सत्र में सभी को पूर्ण नहीं किया जा सकता.

साकेत वर्मा की रिपोर्ट…!