रायपुर (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़ ) : छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण दर में कमी आई है. लेकिन अब भी लोगों के अंदर जितना इस महामारी को लेकर डर बना हुआ है, उतना ही खौफ ब्लैक फंगस का है. अप्रैल के महीने में जब प्रदेश में हर रोज 15 हजार के आस-पास केस सामने आ रहे थे, उस वक्त लोगों ने संक्रमण न होने पर भी संबंधित दवाइयां खरीद कर घरों में रखनी शुरू कर दी थी. यही वजह थी कि अप्रैल में दवाओं की शॉर्टेज हुई. पिछले महीने विटामिन सी, जिंक सहित कुछ अन्य दवाएं बमुश्किल दुकानों पर मिल रही थी. जरूरतमद परेशान हो रहे थे. सरकार ने बिक्री पर नजर रखना शुरू किया. 15 दिन के अंदर कमी दूर की गई. हालांकि अब बाजार में ब्लैक फंगस की दवाओं की कमी की बात सामने आ रही है. रायपुर की सीएमएचओ मीरा बघेल ने इसे स्वीकारा भी है.
ब्लैक फंगस की दवाइयों की कमी
होम आइसोलेशन वाले मरीजों की ज्यादा दवाईयों की जरूरत नहीं
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य राकेश गुप्ता का कहना है कि आइसोलेशन में जो लोग रहते हैं उन्हें दवाई की बहुत कम आवश्यकता होती है. सामान्य कोरोना संक्रमित पैरासिटामॉल, विटामिन सी, जिंक सहित कुछ अन्य दवाइयों के सेवन से ही ठीक हो जाते हैं. लेकिन जो मरीज अस्पताल में एडमिट होते हैं उन्हें ज्यादा दवाई की आवश्यकता होती है. यही वजह है कि जब बीच में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा तो उस दौरान कोरोना से संबंधित कुछ दवाइयों की शॉर्टेज देखने को मिली. रेमडेसिविर सहित अन्य दवाइयों की मांग की अपेक्षा, उसकी आपूर्ति बहुत कम थी. जैसे ही कोरोना संक्रमित की संख्या कम हुई बाजार में इन दवाइयों की मांग भी काफी गिर गई. वर्तमान स्थिति में कुछ दवाओं को छोड़ दिया जाए तो कोरोना से संबंधित सभी दवाएं छत्तीसगढ़ में पर्याप्त मात्रा में हैं. दवाइयों की शॉर्टेज की दूसरी मुख्य वजह यह रही कि जिन लोगों को दवाइयों की आवश्यकता नहीं थी उन लोगों ने भी सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से मिल रही जानकारी के बाद मेडिसिन खरीद कर घरों में रखना शुरू कर दिया था.
ब्लैक फंगस की दवाइयों की कमी
डॉक्टर राकेश गुप्ता की माने तो वर्तमान में सिर्फ ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाइयों की कमी है. ब्लैक फंगस के मरीज बढ़े हैं. इस वजह से दवाईयों की डिमांड भी बढ़ रही है. इस शॉर्टेज को भी जल्द ही दूर किए जाने की संभावना है. इसके लिए अभी से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.
ब्लैक फंगस की दवाईयों का दिया गया है ऑर्डर
रायपुर दवा एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय कृपलानी का कहना है कि आज की स्थिति में कोरोना से संबंधित लगभग सभी दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. रेमडेसिविर सहित कुछ अन्य दवाइयों की जरूर थोड़ी कम है, लेकिन ऐसी स्थिति नहीं है कि बाजार में दवाई ना मिल रही हो. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व तक लगातार कोरोना से संबंधित दवाएं काफी बिक रही थी. यहां तक कि आम लोगों भी कोरोना ना होते हुए भी इन दवाओं को खरीद रहे थे. वर्तमान में स्थिति सामान्य है. ब्लैक फंगस संबंधित दवाएं अभी मार्केट में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है. हालांकि इन दवाओं के होलसेल विक्रेताओं ने कंपनियों को मांग भेज दी है. दो-चार दिनों में यह दवाएं बाजार में आ जाएंगी. ब्लैक फंगस से संबंधित दवाएं भी बाजार में आसानी से मिल सकेगी.
ब्लैक फंगस से निपटने के लिए तैयारी में जुटी सरकार
सरकार ने भी ब्लैक फंगस की दवाइयों की कमी को गंभीरता से लिया है. सरकार अपने स्तर पर इन दवाइयों की आपूर्ति की व्यवस्था बना रही है. कृषि मंत्री और सरकार के प्रवक्ता रविंद्र चौबे ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ब्लैक फंगस को लेकर तैयारी में जुटा हुआ है. पिछले कुछ दिनों में छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस के मामले बढ़े हैं.
सरकार ने मुफ्त मुहैया कराई मेडिसिन
कृषि मंत्री ने कहा कि दवाओं की कमी ना होने की एक प्रमुख वजह यह भी रही कि कोरोना संक्रमितों को सरकार दवाई मुहैया करा रही थी. जहां एक ओर शासकीय अस्पतालों में उनका नि:शुल्क उपचार किया गया वहीं होम क्वॉरेंटाइन में रहने वाले कोरोना संक्रमित को राज्य सरकार ने मुफ्त दवाई दी. विभाग कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्तियों के त्वरित इलाज और उन्हें गंभीर स्थिति में पहुंचने से बचाने के लिए दवाईयों की किट उपलब्ध करा रही थी. मितानिनों और सर्विलेंस टीम लोगों को दवाईयों का वितरण कर रही थी. किट में आइवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लिन, पेरासिटामोल, विटामिन-सी और जिंक टेबलेट शामिल है. कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों को दवा के उपलब्ध कराने के कई जिलों में अच्छे परिणाम आए हैं और यहां संक्रमण की दर में गिरावट आई है.
17 मई तक वितरित हुई दवाईयों की संख्या
- स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण से नियंत्रण और रोकथाम के लिए 14 लाख 82 हजार 529 लोगों को दवाईयों का वितरण किया जा चुका है.
- कोरोना के लक्षण वाले 6 लाख 25 हजार 256 लोगों को किट दी गई है.
- गई केंद्रों और अस्पतालों में कोरोना जांच के लिए पहुंच रहे लक्षण वाले 6 लाख 21 हजार 809 लोगों को किट दी गई है.
- मितानिनो और सर्विलेंस टीम कंटेनमेंट जोन में 2 लाख 35 हजार 464 लोगों को दवाई वितरित कर चुके हैं.
विटामिन-C टेबलेट की बढ़ी डिमांड
- प्रदेश में पहले हर महीने लगभग 30 से 35 लाख विटामिन सी टेबलेट की बिक्री होती थी अब मांग 3 करोड़ टेबलेट से अधिक की हो गई है.
- राजधानी में हर महीने 5 लाख विटामिन सी टेबलेट की मांग होती थी, जो अब 50 लाख से अधिक हो गई है.
छत्तीसगढ़ में कोरोना से संबंधित दवाओं को लेकर मारामारी नहीं है, जैसा कि अन्य राज्यों में देखने को मिलता है. यहां कुछ दिन जरूर जब कोरोना संक्रमण के मामले तेजी बढ़े थे तो दवाओं की शॉर्टेज देखने को मिली थी, लेकिन तत्काल शासन-प्रशासन के सक्रिय होते और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के बाद यह शॉर्टेज लगभग दूर कर ली गई है. यही वजह है कि अन्य राज्यों की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में दवाओं की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में रही है.