छत्तीसगढ़ के हर गांव में होगा इंडस्ट्रियल पार्क, 20 जुलाई से प्रदेश में चालू होगी गोबर – सीएम भूपेश बघेल

रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा:-


रायपुर: छत्तीसगढ़ में आने वाले समय में हर गांव में एक इंडस्ट्रियल पार्क होगा. इसकी जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी है. उन्होंने कहा कि गांव में गौठानें के लिए आरक्षित की गई जमीन में से एक एकड़ जमीन कुटीर और छोटे उद्योगों के लिए आरक्षित रहेगी. जहां स्व-सहायता महिला समूह लघु वनोपजों में वैल्यू एडीशन का कार्य करेंगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह बात कही.

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना प्रदेश में 20 जुलाई को हरेली त्योहार से शुरू की जा रही है. इस योजना में पशु-पालकों से गोबर खरीदकर गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार की जाएगी. छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां गोबर की खरीदी की जाएगी. गांधी जी की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुरू की गई सुराजी गांव योजना की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक मजबूत आधार स्तंभ साबित होगी. इस योजना के माध्यम से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की कल्पना साकार होगी.

हिन्दुस्तान का पुर्ननिर्माण करना है: बघेल

मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम में कोरोना से लड़ने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि महामारी संकट के इस दौर में सबके लिए रोजगार के अवसर ढूंढना है. यदि हिन्दुस्तान का पुर्ननिर्माण करना है, तो सबको विश्वास में लेकर कोई ऐसा काम शुरू करना होगा, जिससे सबको रोजगार मिले और सब सुखी और सम्पन्न हो. उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ने की है.

लोकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही राज्य सरकार

मुख्यमंत्री बघेल ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए राज्य सरकार के उठाए गए कदमों, लॉकडाउन के दौरान जरूरी आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने के प्रयासों, कठिन समय में जरूरतमंद लोगों को राहत प्रदान करने के किए गए उपायों और छत्तीसगढ़ के वर्तमान आर्थिक परिवेश के बारे में विस्तार से अपने विचार रखे. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में लोकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है. राम वन गमन पथ को विकसित करने के लिए राशि का प्रावधान करते हुए कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अनेक सुरम्य प्राकृतिक स्थलों के साथ ऐतिहासिक धरोहरें हैं. यहां पर्यटकों के लिए सुविधा विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया जा रहा है.

26 लाख लोगों को मिला मनरेगा में रोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी छत्तीसगढ़ में जरूरी आर्थिक गतिविधियों को चालू रखा गया. प्रदेश के बड़े उद्योग कम क्षमता के साथ संचालित होते रहे. खदानें बंद नहीं हुई. मनरेगा के काम बड़े पैमाने पर प्रारंभ किए गए, जिनमें अधिकतम 26 लाख लोगों को काम मिला. लॉकडाउन के दौरान राजीव गांधी किसान न्याय योजना की प्रथम किश्त की राशि के रूप में 15 सौ करोड़ रूपए किसानों के खाते में अंतरित की गई. लघु वनोपजों के संग्रहण का काम भी चलता रहा. लोगों की जेब में इन माध्यमों से पैसा आया, जिससे लॉकडाउन में भी उद्योग, व्यापार और व्यवसाय फले-फूले.

बीते साल से ज्यादा रजिस्ट्री इस साल

लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में 3 हजार से अधिक ट्रैक्टरों की बिक्री हुई. बीते साल जून महीने की तुलना में इस साल जून माह में GST कलेक्शन में 22 प्रतिशत की ग्रोथ हुई. रियल स्टेट सेक्टर को गति देने के लिए जमीनों की खरीदी-बिक्री की कलेक्टर गाईड लाईन दरों में 30 प्रतिशत छूट दी गई है. पंजीयन शुल्क भी कम किया गया. बीते साल की तुलना में इस साल अधिक रजिस्ट्री हुई है.

विदेश से आने वाले लोगों किया गया होम क्वॉरेंटाइन

कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के उपायों के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि विदेश से आने वाले लोगों की पहचान कर उन्हें होम क्वॉरेंटाइन में रखा गया. लॉकडाउन के दौरान लगभग साढ़े छह लाख मजदूर और अन्य लोग छत्तीसगढ़ लौटे, जिन्हें राज्य में बनाए गए करीब 21 हजार क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रखा गया. अब इनमें से अधिकांश लोग अपने-अपने घर लौट चुके हैं. कोरोना संक्रमित पाए गए लोगों के भी जांच और इलाज के प्रबंध किए गए, जिससे कोरोना संक्रमण की स्थिति राज्य में नियंत्रण में रही. उन्होंने आगे कहा कि लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को भी जारी रखा गया. इसके परिणाम स्वरूप कुपोषित बच्चों की संख्या में 13 प्रतिशत की कमी आई.

साकेत वर्मा की रिपोर्ट