छत्तीसगढ़ी में भी ओमिक्रोन से दशहत, ऑनलाइन क्लास की डिमांड कर रहे पेरेंट्स


रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़):
 देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के नए ओमीक्रोन वेरिएंट मिलने के बाद सरकार की चिंता बढ़ा दी है. इस वेरिएंट के लिए सभी राज्यों को भी अलर्ट कर दिया गया है. हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने शैक्षणिक संस्थाओं में पूरी क्षमता के साथ ऑफलाइन क्लास संचालन करने की अनुमति दी है. ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए सरकार के ही विधायक और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने स्कूल बंद करने की मांग की है. छत्तीसगढ़ स्कूलों में भी कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत ने स्कूली बच्चों के पालकों की राय जानी…

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बच्चों के पालक क्या बोले ?

पालक धरमू बुंदेल का कहना है कि राजधानी में उस तरह से कोरोना संक्रमण के मामले नहीं बढ़ रहे. अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो मामला गंभीर हो सकता है. ऐसे में स्कूल बंद हो जाना चाहिए. इसके लिए भी सरकार को मॉनिटरिंग करने की आवश्यकता है. ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों को फायदा हो रहा है या नहीं? अभी फिलहाल कोरोना संक्रमण के मामले नहीं बढ़ रहे हैं तो बच्चों को ऑफलाइन स्कूल भेजने में कोई समस्या नहीं है. अगर मामले बढ़ते हैं तो तत्काल स्कूल बंद करना चाहिए और ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर देनी चाहिए.

पालक मनीषा दासे ने बताया कि कोरोना काल में 2 साल से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. बच्चों की सेफ्टी के लिए और उनका इम्यून स्ट्रांग करने के लिए कुछ किया जाना चाहिए. जिससे संक्रमण से बच्चे प्रभावित ना हो. क्योंकि इस समय बच्चो की पढ़ाई बहुत ज्यादा डिस्टर्ब हुई है. स्कूल भी चलता रहे और हेल्थ पर को कम्प्रोमाइज ना हो. जैसे बड़े लोगों के लिए वैक्सीनेशन और इम्यूनिटी बूस्टर जैसी चीजें आई उस हिसाब से बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन के साथ स्पेशल एजुकेशन प्रोग्राम की व्यवस्था होनी चाहिए.

सरकार एक बार फिर विचार विमर्श करे

छत्तीसगढ़ छात्र पालक संघ के जिला अध्यक्ष धीरज दुबे ने बताया कि वे शुरू से ही वह ऑफलाइन क्लासेस के संचालन को बंद करने की मांग कर रहे हैं. सरकार भी ओमिक्रोन वेरिएंट को खतरा बता रही है. इस खतरे के बीच बच्चों को स्कूल भेजना सही नहीं होगा. छत्तीसगढ़ छात्र पालक संघ शुरू से ही कह रहा है कि जबतक कोरोना संकट खत्म ना हो जाए और बच्चों के वैक्सीनेशन पुराना हो जाए तब तक बच्चों को स्कूल भेजने के लिए शुरू से ही मना करता रहा है.

उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने कहा कि 50 फीसदी क्षमता के साथ स्कूल खुलेंगे. 22 नवंबर की बैठक हुई कि 100 प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूल खुलेंगे. अभी फिर एक बैठक में सरकार विचार कर रही है कि कम क्षमता के साथ स्कूल संचालित की जाए. अगर खतरे का आभास था ही तो फिर ऐसा करना ही नहीं चाहिए था. सरकार को कोई ऐसा फैसला नहीं लेना चाहिए जो बच्चों के जीवन में खतरा मंडराए.

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सरकार सोचे क्या करना है ?

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता का कहना है कि सरकार के विधायक ने कहा कि सारे शैक्षणिक संस्थाएं बंद होनी चाहिए. उनके इस बयान पर संगठन अपना विरोध दर्ज कराता है. शैक्षणिक संस्थाएं बहुत समय बाद खुली है. इस तरह का बयान ऐसे समय में किसी जनप्रतिनिधि को नहीं देना चाहिए. अकारण स्कूल बंद करना सही नहीं है. कई दौर की बैठक के बाद छत्तीसगढ़ में स्कूल खुले थे. उसका उदाहरण पूरे देश में दिया जाता है. मुझे लगता है कि अगर सरकार को भी शिक्षण संस्था बंद करनी है तो वह गहन विचार-विमर्श करने के बाद कोई निर्णय लेना चाहिए.

बहरहाल, कोरोना वायरस को नए वेरिएंट को लेकर एक ओर जहां चिंता बनी हुई है. वहीं छत्तीसगढ़ के स्कूलों पर भी खतरा मंडरा रहा है. पालकों की भी चिंता बढ़ी हुई है. नए वेरिएंट के प्रभाव से उनके बच्चे पीड़ित ना हो जाएं. वही एक ओर यह भी चिंता है कि अगर स्कूल बंद हो जाएंगी तो बच्चों के भविष्य का क्या होगा ? क्योंकि उनके शैक्षणिक स्तर पर भी कमी देखी जा रही.

प्रदेश में संक्रमण की स्थिति 3 दिसंबर की स्थिति में प्रदेश की पॉजिटिविटी दर 0.12 फीसदी है, प्रदेश में कोरोना के कुल एक्टिव केस 321 हैं. शुक्रवार को प्रदेश में 28 नए पॉजिटिव केस मिले हैं. शुक्रवार की स्थिति में प्रदेश में कोरोना संक्रमण से किसी भी प्रकार की मृत्यु नहीं हुई है लेकिन अब तक प्रदेश में करुणा संक्रमण से कुल 13,593 लोगों की मौत हो चुकी है.

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर शासन पूरी तरह से तैयार है

महामारी नियंत्रण के संचालक डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में कुल 113 ऑक्सीजन प्लांट लगाये जाने के आदेश जारी हुए हैं. इनमें से 76 प्लांट लगाए जा चुके हैं, जबकि 37 ऑक्सीजन प्लांट प्रोसेसिंग में हैं और जल्द ही लग जाएंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि गवर्नमेंट सेक्टर में वर्तमान में ऑक्सीजन बेड 6859 और जनरल बेड 13203 उपलब्ध हैं. जबकि छत्तीसगढ़ में 1200 के करीब वेंटिलेटर बेड हैं.

थर्ड वेव की आशंका को ध्यान में रख क्षमता बढ़ा रहा शासन

कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अमला पूरी तरह तैयार है. पहली बात तो यह कि ओमीक्रोन को आने नहीं दिया जाए और अगर आ गया तो इसे फैलने नहीं दिया जाए. इसके लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रैकिंग कर रहे हैं. साथ ही ओमीक्रोन को रोकने के लिए भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुरूप राज्य में निर्देश जारी किए गए हैं. जिला स्तर पर कलेक्टर इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जो भी विदेशी यात्री हैं, उनके लोकेशन की ट्रेसिंग की जा रही है. स्वाब संबंधित देखभाल सीएमओ अपनी टीम के साथ कर रहे हैं. कोरोना के थर्ड वेव की आशंका को ध्यान में रखते हुए शासन लगातार अपनी क्षमता बढ़ा रहा है.