गर्भवती महिलाओं के लिए चलने वाली महतारी एक्सप्रेस फिलहाल बंद नहीं हो रही है. कंपनी का टेंडर तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. अब 31 अक्टूबर तक कंपनी स्वास्थ्य विभाग को अपनी सेवाएं देगी.

रायपुर (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा : गर्भवती महिलाओं के लिए चलने वाली महतारी एक्सप्रेस फिलहाल बंद नहीं हो रही है. कंपनी का तीन महीने के लिए टेंडर बढ़ा दिया गया है. अब 31 अक्टूबर तक कंपनी स्वास्थ्य विभाग को अपनी सेवाएं देगी. कुछ दिन पहले ये खबर आ रही थी कि गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए शुरू की गई सेवा 102 महतारी एक्सप्रेस की सुविधा बंद होने वाली है. इसका सीधा असर गर्भवती महिलाओं और नवजातों पर देखने को मिलता.

इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि फिलहाल बात हो गई है और अभी कुछ दिनों के लिए यह सेवाएं निरंतर चलती रहेंगी. कंपनी की कुछ मांगे हैं जो कि पूरी कर पाना विभाग के लिए संभव नहीं है. आगे चलकर यदि कंपनी अपनी उन मांगों में कुछ कमी लाती है तो आगे भी टेंडर जारी रखा जाएगा, लेकिन जो कंपनी की मांग है सभी को पूरा कर पाना स्वास्थ्य विभाग के लिए मुमकिन नहीं है.

घाटे में चल रही है GVK EMRI

दरअसल, पिछले 4 महीने से 102 संचालित करने वाली कंपनी GVK EMRI संस्था घाटे में चल रही है. जिसे देखते हुए संस्थान को 31 जुलाई के बाद बंद करने का विचार किया जा रहा था. वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग तीन नए टेंडर निकालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन इतने कम समय में आनन-फानन में टेंडर निकाल पाना स्वास्थ्य विभाग के लिए भी संभव नहीं था. यदि ये सुविधाएं बंद हो जाती तो स्वास्थ्य विभाग के सामने तत्काल में टेंडर करना और तत्काल में सेवा को क्रियावन्य करना एक बड़ी चुनौती होता.


2013 से छत्तीसगढ़ में दे रही हैं सेवाएं


बता दें, GVK 2013 से छत्तीसगढ़ में अपनी सुविधाएं दे रही है. जो कि पिछले 4 महीने से घाटे में चल रही है. 102 सर्विसेस इस कोरोना काल में लगातार गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए मददगार साबित होती रही है. महतारी एक्सप्रेस पुराने सभी काम तो कर रही है, साथ ही कोरोना के मरीजों को अस्पताल ले जाने और वहां से लाने का भी काम कर रही है. बावजूद इसके सरकार कंपनी को भुगतान नहीं कर रही थी, इस संबंध में विभाग से कंपनी ने पत्राचार भी किया था, उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा स्वास्थ्य विभाग से डिडक्शन हटाने और मूल्य इंक्रीमेंट करने की मांग की गई थी. वहीं व्यवस्थाओं को देखते हुए कंपनी में कार्यरत 17 कर्मचारियों को भी टर्मिनेशन लेटर दिया गया था.

साकेत वर्मा की रिपोर्ट..