गरीब बीमार परिवार ईलाज के लिए कर रहे गुहार,सुन लो विधायक सुन लो भूपेश सरकार,नहीं मिली अभी तक संजीवनी राहत कोष की मदद

गौरेला पेड्रा मरवाही(सेंट्रल छत्तीसगढ़)प्रयास कैवर्त:-एक तरफ भारतवर्ष वैश्विक महामारी कोरोना की मार झेल रहा है,आम आदमी जहां जिंदगी और मौत के बीच में पल-पल एक लड़ाई लड़ रहा है,तो दूसरी ओर शोषित दलित बदहाली और बीमारी की मार झेल रहे गरीब परिवार जिंदगी और मौत के बीच पल पल मरता हुआ दिखाई देता है,वो अपनों के लिए जीने की चाहत और हौसला ही है जो अपनो को मरने नहीं देती, केंद्र और राज्य सरकार शोषित दलित गरीबों के लिए स्वास्थ संबंधी सुविधाओं एवं विकास संवर्धन के लिए करोड़ों की योजना बनी हो, पर जमीनी हकीकत टटोले तो धरातल के खाई मे गिरती हुई दिखाई देती है, ऐसे ही शोषित दलित गरीब लचार बीमार परिवार की कहानी है जो आपको नवनिर्मित जिला गौरेला पेड्रा मरवाही और छत्तीसगढ़ की चर्चित और इतिहास मे नया अध्याय लिखने वाले विधानसभा मरवाही के ग्राम पंचायत चनाडोगरी के शोषित दलित और बीमारी की मार झेल रहे परिवार के बेटे अजय सुमेर के तकलीफों को देखकर दिल दहल उठेगा, जिसकी तकलीफों और हौसले को देखकर मौत भी कई बार अपना रास्ता बदल चुका है,

बता दे दो साल पहले अजय सुमेर आम के पेड़ से गिर गया था जिसके कारण कमर की हड्डी टूट‌गयी है,उसे एस सी आई ,फोर्नियर, गैंगरिन लिंग में घाव के संक्रमण अंडकोष छतिग्रस्त हो गया है , 2 सालों से ही बिस्तर में ही मल मूत्र हो रहा है,
उनके परिवार के गरीबी और बेबसी का आलम यह है कि मां विधवा गीता बाई है जो बेटे की बीमारी चिंता से अब बहरी हो चुकी है वे अपने बेटे को देख देख कर सिर्फ रोए जा रही है, एक बड़ा भाई निगमदास सुमेर है जो इसके इलाज के लिए रातों दिन बाहर ड्राइवर का काम करके पैसा जुटा रहा है, घर की जिम्मेदारी और देखभाल उसकी भाभी नीलम सुमेर के कंधों पर है,

मरीज अजय सुमेर के परिजनों ने कहा अजय सुमेर के इलाज के लिए हमारे घर में जो कुछ भी बर्तन सोना चांदी था हमने सब कुछ गिरवी रख दिया , मेहनत मजदूरी कर पाई पाई जोड़ कर रिश्तेदार और परिवार वालों की मदद से हमने बिलासपुर और रायपुर मे भी इलाज करवा चुके है, इलाज की आस लेकर एनजीओ की मदद से हमने पंजाब में भी इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर काटे हैं, पर हम बहुत हताश और मजबूर हो चुके हैं, अब ना हमारे पास पैसे हैं और नहीं जमीन जगह, हमें अभी तक कोई भी सरकारी संजीवनी राहत कोष की मदद नहीं मिली है,

अजय सुमेर के परिजनों ने सरकार से हाथ जोड़कर विनती करते हुए कहा हमारे मरवाही क्षेत्र के विधायक डॉक्टर के के ध्रुव सब की समस्या सुनते हैं हमारे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बहुत दयालु है, हमारी समस्या को मुख्यमंत्री तक पहुंचा दे, हमारे बेटे के इलाज करा दें, हम आजीवन मरवाही विधायक डॉक्टर के के ध्रुव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी का आभारी रहेंगे,

गौरतलब यह है कि नवनिर्मित जिला गौरेला पेड्रा मरवाही जिला बनने के बाद करोड़ों रुपए की सौगाते देकर जिलावासियों के लिए विकास की गंगा लगातार बहाया जा रहा है, पर देखना यह होगा कि विकास की गंगोत्री का पानी छत्तीसगढ़ की चर्चित और ऐतिहासिक विधानसभा सीट मरवाही के ग्राम चनाडोंगरी के शोषित दलित बीमार परिवार अजय सुमेर के घर तक कब तक पहुंच पाती है,