गणेश पंडालों के लिए लेना होगा अस्थाई बिजली कनेक्शन, हुकिंग कर बिजली लेने पर होगी कार्रवाई उड़नदस्ता टीम निरंतर करेगी निरीक्षण, गणेशोत्सव को लेकर जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक संपन्न


कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):- आगामी गणेशोत्सव पर्व के दौरान गणेश पंडालों को बिजली की सुविधा के लिए विद्युत विभाग से अस्थाई कनेक्शन प्राप्त करना होगा। पंडालों में हुकिंग करके बिजली लेने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। गणेश पंडालों को बिजली कनेक्शन प्रदान करने के लिए विद्युत विभाग द्वारा अलग से कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे जिससे गणेशोत्सव समितियों को बिजली कनेक्शन लेने में आसानी होगी। पंडालों में विद्युत व्यवस्था की निगरानी और निरीक्षण के लिए जिला प्रशासन द्वारा उड़नदस्ता दल गठित किया जाएगा। यह दल गणेश पंडालों का औचक निरीक्षण करके अवैध विद्युत कनेक्शनों पर कार्रवाई करेंगे। गणेशोत्सव पर्व को शांतिपूर्वक और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मनाने के लिए जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक आज आयोजित की गई। प्रभारी अपर कलेक्टर श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभा कक्ष में आयोजित बैठक में शांति समिति के सदस्यगण शामिल हुए। बैठक में गणेश पर्व को शांतिपर्वूक मनाने के लिए चर्चा की गई। बैठक में गणेशोत्सव के संबंध में शासन द्वारा जारी कोविड प्रोटोकॉल एवं दिशा-निर्देशों की जानकारी सहित इस बारे में समिति के सदस्यों ने चर्चा की। प्रभारी अपर कलेक्टर ने गणेश पर्व के दौरान अवैध चंदा वसूली नहीं होने देना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने गणेश मूर्ति विसर्जन के लिए जगह चिन्हांकन करने और देर शाम होने पर पर निर्धारित विसर्जन स्थलों पर बिजली-प्रकाश व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। शांति समिति की बैठक में एसडीएम कोरबा श्री सुनील नायक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री कीर्तन राठौर, डिप्टी कलेक्टर श्री हरिशंकर पैंकरा, अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार समिति बोर्ड के अध्यक्ष श्री विक्टर मेनन, के.सी.डब्ल्यू.एस. संरक्षक श्री रवि बख्श, महासचिव क्रिश्चियन समाज श्री रवि पी. सिंह, सचिव मदरसा श्री हलीम शेख, नगर निगम उपायुक्त श्री बी. पी. त्रिवेदी सहित आबकारी और छ.ग. राज्य विद्युत मण्डल के अधिकारीगण मौजूद रहे।
बैठक में प्रभारी अपर कलेक्टर ने कहा कि गणेश विसर्जन के लिए एक गाड़ी में अधिकतम चार लोग रहेंगे। उन्होंने गणेश विसर्जन के दौरान यातायात को नियंत्रित करने और सड़कों पर भीड़ नहीं होने देने के भी निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिए। प्रभारी एडीएम ने बैठक में विसर्जन स्थलों और घाटों पर होम गार्ड के गोताखोर तैनात करने भी निर्देश दिए। प्रभारी एडीएम ने प्रतिबंधित प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों को नहीं बिकने देने और लगातार निगरानी करते रहने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
कोविड संक्रमण को देखते हुए गणेशोत्सव के दौरान इस बार भी सार्वजनिक रूप से या घरों से बाहर गणेश प्रतिमाओं की स्थापना और विर्सजन के लिए एसडीएम से अनुमति लेनी पड़ेगी। इस बार चार फीट ऊंचाई और चार फीट चौड़ाई से अधिक आकार की गणेश मूर्तियां पंडालो में स्थापित नही की जा सकंेगी। मूर्ति स्थापना के लिए एसडीएम संबंधित क्षेत्र के पुलिस थाने से विस्तृत रिपोर्ट लेंगे और रिपोर्ट के आधार पर ही अनुमति जारी करेंगे। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15’15 फिट से अधिक नही होगा। गणेश पंडालो के सामने कम से कम 5000 वर्ग फिट की खुली जगह भी रखनी होगी। घरो पर गणेश प्रतिमाओ की स्थापना के लिए जिला प्रशासन द्वारा अनुमति की आवश्यकता नही होगी। गणेश उत्सव के दौरान जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशो के साथ-साथ भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एस.ओ.पी का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा।
समितियां रखेंगी रजिस्टर, नोट होगा नाम, पता, मोबाइल नम्बर- बैठक में गणेशोत्सव के लिए जारी किए गए निर्देशो पर विस्तार से चर्चा की गई। दिशा-निर्देश के अनुसार पंडाल के सामने पंडाल एवं सामने 5000 वर्ग फिट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित नही होना चाहिए। पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल नही लगाया जाएगा। दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगेंगी। किसी भी स्थिति में एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक मौजूद नही होंगे। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति को रजिस्टर संधारित करना होगा, जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता एवं मोबाईल नम्बर दर्ज किया जाएगा। ताकि उनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित होने पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा। ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सेनेटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैण्डवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करनी होगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संक्रमित सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश से रोकने की जिम्मेदारी समिति की होगी। व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बास-बल्ली से बेरिकेटिंग कराया जाएगा।

संक्रमित होने पर समिति को देना होगा इलाज का पूरा खर्च –

शासन द्वारा जारी गणेशोत्सव दिशा-निर्देश के अनुसार यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जाएगा। कंटेन्मेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी, यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेन्मेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना के समय, स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात किसी भी प्रकार के वाद्ययंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डी.जे. बजाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। ’विसर्जन के लिए केवल एक वाहन की अनुमति मिलेगी।

मूर्ति विसर्जन के लिए चार से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे –

मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटा-एस (छोटा हाथी ) से बडे़ वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं सभी मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। अलग से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग, तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गाे से मूर्ति विसर्जन वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सामान्य रूप से सभी वाहन रिंग रोड के माध्यम से ही गुजरेंगे। सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्याेदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी।