रायपुर (सेंट्रल छत्तीसगढ़):-: प्रदेश में बारिश शुरू होते ही किसान अपनी खेती में जुट जाते हैं. लेकिन उन्हें खेती के लिए सब्सिडी वाला यूरिया और खाद नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वजह से किसानों की खेती प्रभावित हो रही है. दूसरी ओर सोसाइटी के अधिकारी भूमिहीन ग्रामीणों को लाखों रुपये का लोन दे रहे हैं. शिक्षा मंत्री भी यह मान रहे हैं कि खाद की किल्लत है और मंत्री इसे जल्द ही दूर करने की बात कह रहे हैं. कलेक्टर भी आरोपी, अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं.
खाद- बीज की कमी चलते किसान परेशान
जिले में अभी तक औसत बारिश दर्ज की गई है. जिसे लेकर किसानों में खुशी है. लेकिन सहकारी समितियों की लापरवाही और कालाबाजारी की वजह से किसान परेशान हैं. जहां किसानों को उचित मात्रा में खाद और यूरिया नहीं मिल पा रहा है. वहीं सोसायटी के अधिकारी और कर्मचारियों पर खाद की कालाबाजारी का आरोप लग रहा है. इसका प्रमाण यह है कि सोसाइटी के कुछ अधिकारी और कर्मचारी भूमिहीन ग्रामीणों के नाम से लाखों का खाद वितरण दिखा रहे हैं, जबकि संबंधित किसान को इसकी जानकारी तक नहीं है. गरीब ग्रामीण जो मजदूरी करके अपना भरण पोषण कर रहे हैं, वह लाखों का कर्ज कैसे चुकाएंगे.
अब स्थिति यह है कि भूमिहीन किसान आत्महत्या करने की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर खाद की कालाबाजारी और किल्लत की वजह से गरीब किसान प्राइवेट दुकानों की तरफ अपना रुख कर रहे हैं. जिसकी वजह से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है और वह सूदखोरों के चंगुल में फंस रहे हैं.
एक ओर सोसाइटी के अधिकारी और कर्मचारी यूरिया और खाद में लाखों का घोटाला कर रहे हैं. भूमिहीन किसानों के नाम से यूरिया खरीदकर प्राइवेट दुकानों में बेच रहे हैं. वहीं दूसरी ओर जिले के आला अधिकारी इस मामले से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. वहीं कलेक्टर ने साफ कह दिया है कि दोषी कर्मचारी और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.