कोरबा (सेंट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा: प्रदेश में अब तक हुई बारिश को देखते हुए जिले में 23 प्रतिशत फसलों की बोआई पूरी हो चुकी है. इस साल नियमित अंतराल पर हुई लगातार बारिश से किसान पिछले साल के मुकाबले इस बार बेहतर स्थिति में हैं. जिससे कृषि विभाग भी उत्साहित है. कृषि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2020-21 की खरीफ फसल के लिए 1 लाख 35 हजार 800 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है.
किसानों ने अब तक जिले में 31 हजार 840 हेक्टेयर में बुवाई पूरी कर ली है. जो कि कुल लक्ष्य का लगभग साढ़े 23 प्रतिशत है. इन आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कृषि विभाग की मंशा है कि इस साल धान के रकबे में कमी लाने के साथ ही दलहन और तिलहन के फसलों को बढ़ावा दिया जाए. इस साल 14 हजार 250 हेक्टेयर में दलहन और तिलहन की फसलें लगाए जाने की योजना है. जो कि पिछले साल से 1 हजार 815 हेक्टेयर ज्यादा होगा. पिछले साल महज 12 हजार 435 हेक्टेयर में ही दलहन और तिलहन की फसलों की खेती हुई थी.
खेती के लिए रकबा तय
मौजूदा वित्तीय वर्ष में जिले में धान के रकबे में 3 हजार 49 हेक्टेयर की कमी लाते हुए 95 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लेना प्रस्तावित है. इसके साथ ही ज्वार, मक्का, कोदो और कुटकी को मिलाकर जिले में चालू खरीफ मौसम में 1 लाख 3 हजार 165 हेक्टेयर क्षेत्र में अनाज की फसलें उगाई जाएंगी. साथ ही इस साल जिले में अनाज की फसलों के कुल रकबे में भी लगभग साढ़े 800 हेक्टेयर की कमी होगी. यह कवायद शासन स्तर से शुरू की गई है. ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके.
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कृषि विभाग की तैयारी पूरी
कृषि विभाग ने इस साल बेहतर खरीफ फसल के लिए 18 हजार 888 क्विंटल बीज का भंडारण कर रखा है. जिससे कि जिले में धान, मक्का, अरहर, उड़द जैसी फसलों की खेती बेहतर ढंग से की जा सके. सहकारी समितियों से किसान खाद का उठाव भी लगातार कर रहे हैं. जिससे कि इस साल अच्छी खेती की उम्मीद जताई जा रही है.
इस क्वालिटी के बीज उपलब्ध
किसानों को खेती के लिए स्वर्णा, एमटीयू 1010, एमटीयू 1001, एचएमटी, राजेश्वरी, बीपीटी 5204, इंदिरा एरोबिक और आरपीबायो 226 प्रजाति के बीज उपलब्ध कराए गए हैं. इन सभी भंडारित बीज में से 14 हजार 702 क्विंटल समितियों में, 1 हजार 16 क्विंटल विभागीय प्रदर्शनों के तहत और लगभग 3 हजार 170 क्विंटल बीज निजी क्षेत्रों के दुकानों में भंडारित किया गया है. अधिकारियों की मानें तो किसान लगातार इन बीज का उठाव भी कर रहे हैं.