कोरबा(सेंट्रल छत्तीसगढ़):-एक दिसंबर से समर्थन मूल्य पर शुरू हुई धान की खरीदी कोरबा जिले की सहकारी समितियों में बिना किसी परेशानी के जारी है। नियमित रूप से किसानों के टोकन कटने, धान की तौलाई और भुगतान जैसी सुविधाओं से किसानों में अपनी मेहनत से उगाए धान को समितियों में बेचने का अलग उत्साह है। जिले में अभी तक तीन लाख 10 हजार 393 क्विंटल धान के समर्थन मूल्य पर खरीदी हो चुकी है। इस खरीदे गए धान में से जिले के मिलर्स द्वारा लगभग 43 प्रतिशत धान का उठाव भी कर लिया गया है। दूसरे जिले से भी धान उठाने के बाद भी खरीदे गए कुल धान में से मिलर्स द्वारा उठाए गए धान के मामले में कोरबा जिला पूरे प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। अभी की स्थिति में कोरबा जिले से उपर केवल जशपुर और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला ही है और इन दोनों जिलों के मिलर किसी दूसरे जिले से भी धान नहीं उठाते हैं। कोरबा जिले में मिलरों द्वारा अभी तक एक लाख 32 हजार 494 क्विंटल धान का उठाव कर लिया गया है। अंतरजिला धान उठाव के मामले में कोरबा पहले स्थान पर है।
जिला विपणन अधिकारी श्रीमती जाह्नवी जिल्हारे ने आज यहां बताया कि कोरबा जिले में अभी तक तीन लाख 10 हजार 393 क्विंटल धान की खरीदी हुई है। इसमें से एक लाख 32 हजार 494 क्विंटल धान जिले के मिलरों द्वारा उठा लिया गया है। जिले की समितियों में एक लाख 77 हजार 900 क्विंटल धान ही शेष है। उन्होंने बताया कि कुल खरीदी गई धान में से उठाव के मामले में कोरबा जिला प्रदेश में तीसरे स्थान पर हैै। श्रीमती जिल्हारे ने बताया कि धान के उठाव के लिए डिलीवरी ऑर्डर डीओ इलेक्ट्रॉनिक आधार पर शासकीय सॉफ्टवेयर से जारी किया जाता है। कोरबा जिले की समितियों से धान उठाव के लिए यह डिलीवरी ऑर्डर दूरी के आधार पर जारी होता है। जिला विपणन अधिकारी ने बताया कि सॉफ्टवेयर द्वारा सबसे नजदीक की समिति से धान का उठाव का डीओ सबसे पहले जारी होता है। इस कारण से जांजगीर जिले की कुछ समितियों के डीओ कोरबा जिले से पहले कट रहे थे और कोरबा जिले की दूरस्थ समितियों जैसे श्यांग, कोरबी, कुलहरिया के लिए दूरी अधिक होने के कारण डीओ देरी से जारी हो रहे थे। श्रीमती जाह्नवी ने बताया कि अब जांजगीर जिले से धान उठाव की पांच लाख क्विंटल की लिमिट पूरी हो चुकी है। इसलिए कोरबा जिले के धान खरीदी केन्द्रों से उठाव के लिए अब लगातार डीओ जारी हो रहे हैं। कोरबा जिले की किसी भी समिति में धान जमाव की स्थिति नहीं है। किसान आसानी से समितियों में अपना धान बेच रहे हैं। जिला विपणन अधिकारी ने बताया कि सभी समितियों में धान की शेष मात्रा निर्धारित बफर लिमिट के आसपास ही है और लगातार डीओ कटने से मिलरों को तत्काल गाड़ियां लगवाकर धान उठाव के लिए निर्देशित भी किया जा रहा है।