कटघोरा:- शारदा पाल (सेंट्रल छत्तीसगढ़ ):- कटघोरा से अंबिकापुर रोड पर शहर से बाहर निकलते ही चकचकवा पहाड़ी स्थित है। यह स्थान हनुमान गढ़ी धाम के नाम से प्रसिद्ध है,कुछ साल पहले तक यह पहाड़ी चट्टानों से भरी हुई थी। अब यह एक तीर्थ स्थल के साथ-साथ मनोरम हरे भरे क्षेत्र के रूप में विकसित हो गया है। यहां चट्टान पर एक बड़े पैर के निशान हैं, जिसमें भीषण गर्मी में भी पानी भरा रहता है। मान्यता है कि यह निशान हनुमान जी के पैर रखने से बना है। पहाड़ी पर आदि शक्ति देवी मां, हनुमान जी, शंकर जी व राम दरबार का विशाल मंदिर है। राम दरबार की आदम कद मूर्तियां जीवंत स्वरूप लिए हुए हैं। बारिश के बाद शरद और शीत ऋतु में हनुमान गढ़ी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। पहाड़ी से कटघोरा शहर का मनोरम दृश्य नजर आता है। हनुमानगढ़ी स्थल बिलासपुर से 80 किलोमीटर व कोरबा से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
चैत्र नवरात्र के रामनवमी के दिन यहाँ प्रतिवर्ष विशाल शोभा यात्रा निकाल कर कटघोरा भ्रमण कर हनुमानगढ़ी के राम दरबार तक जाकर पूजा अर्चना की जाती थी।
COVID-19 नावेल कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस वर्ष रामनवमी पर सभी जगहों के मंदिरों को बंद रखा गया है। लॉक डाउन के कारण भीड़ को देखते हुए इस वर्ष मंदिरों के कपाट बंद रखे गए हैं।
बुधवार को हनुमानगढ़ी कटघोरा स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के 11 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं गुरुवार को रामनवमी पर यहां होने वाले सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। यहां के पुजारी ने बताया प्रतिवर्ष रामनवमी को पूर्व संध्या पर यहां स्थापित राम दरबार की प्रतिमाओं को नववस्त्र से श्रृंगारित किया गया है। बुधवार को प्रतिमाओं को यह नव श्रृंगारित फोटो उन्होंने सेंट्रल छत्तीसगढ़ के माध्यम से श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए उपलब्ध कराई है। मंदिर में सुबह व शाम दीपक करने के लिए ही कपाट खोले जाते हैं। राम नवमी के दिन भी कपाट बंद रहेंगे हालांकि भोग प्रसाद लगेगा। 1अप्रेल 2009 से इस राम मंदिर में प्रतिवर्ष रामनवमीं बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस की वजह से लोगों द्वारा आर्थिक सहयोग भी नहीं किया जा सका है। जिसकी वजह से इस वर्ष राम नवमीं पर आयोजन नहीं किया जा सका।