रायपुर(सेंट्रल छत्तीसगढ़): कोरोना महामारी का छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प, हथकरघा और कुटीर उद्योग पर भी बुरा असर पड़ा है. डेढ़ महीने रहे लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड को (Chhattishgarh handicraft Development Board) करीब सवा से डेढ़ करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है.
कोरोना के चलते पटरी से उतर गया छत्तीसगढ़ का हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग
हस्तशिल्प विकास बोर्ड के 16 एंपोरियम
राजधानी रायपुर समेत प्रदेश और देश में छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के 16 एंपोरियम है. जहां पर हस्तशिल्प निर्मित सामानों का विक्रय किया जाता है. डेढ़ महीने के लॉकडाउन के दौरान एंपोरियम और प्रदर्शनी के बंद होने से एंपोरियम से जुड़े कलाकार प्रभावित हुए हैं.
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड का दफ्तर
15 तरह के हस्तशिल्प उत्पाद
छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड शबरी एंपोरियम (shabari emporium) के नाम से प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ही दिल्ली और अहमदाबाद में शोरूम हैं. जहां हस्तशिल्प, बेल मेटल, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, गोदना शिल्प, टेराकोटा शिल्प, जूट शिल्प कौड़ी शिल्प, पत्थर शिल्प, तुमा शिल्प जैसे तमाम शिल्प उत्पादों का बिक्रय किया जाता है. शबरी एंबोरियम को अच्छा खासा रिस्पॉन्स मिलता है. विदेशों तक में खासी डिमांड है, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन से इसका असर ग्राहकों पर काफी पड़ा है. बिक्री प्रभावित हुई है.
छत्तीसगढ़ का हस्तशिल्प
SPECIAL: लॉकडाउन में केंद्र के राहत पैकेज से उद्योग जगत में कोई खुश, कोई उदास
शोरूम बंद होने से हस्तशिल्पियों पर भी असर
लॉकडाउन के कारण अधिकांश हथकरघे बंद हो गए हैं. लाखों रुपये का सामान बनकर रखा हुआ है, लेकिन शोरूम बंद होने से बिक्री अटक गई है. हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना का असर हस्तशिल्पियों पर काफी पड़ा है. शबरी एंपोरियम का पूरा कारोबार बंद है. अब लॉकडाउन खत्म हो जाने के बाद काम की गति बढ़ाने के साथ ब्रांडिंग की गतिविधियां फिर शुरू की जाएगी.
छत्तीसगढ़ का हस्तशिल्प
छत्तीसगढ़ का हस्तशिल्प पूरी दुनिया में प्रसिद्ध
छत्तीसगढ़ का हस्तशिल्प और धातुकला पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. बस्तर में मिट्टी शिल्प प्रसिद्ध है, जिसे ‘टेराकोटा’ (Terracotta) कहते है. इसके अलावा रायगढ़, सरगुजा और राजनांदगांव भी मिट्टी शिल्प कला के लिए प्रसिद्ध है. लकड़ी से बनाए हुये खिलौने, मूर्तियां, तीर-धनुष, बैलगाड़ी को काष्ठ कला (Wooden Art) है. वहीं रायगढ़ का रेशम उद्योग प्रसिद्ध है. ढोकरा आर्ट में बेल मेटल, ब्रांज और ब्रास धातुओं से मोम का उपयोग कर विभिन्न प्रकार के मूर्ति प्रतिरूप तैयार किया जाता है. इसके अलावा बस्तर की बांस कला, धातु कला, काष्ठ कला प्रसिद्ध है.
छत्तीसगढ़ का हस्तशिल्प