इतने साल बीत जाने के बाद भी यहां एक भी डॉक्टर पदस्थ नहीं हैं.
कोरिया (सेन्ट्रल छत्तीसगढ़) साकेत वर्मा: आजादी को 70 साल से भी ज्यादा समय बीत गए, लेकिन आज भी कई ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. भले ही सरकार लाखो-करोड़ों रुपए खर्च कर स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण कर रही है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी सिर्फ अस्पताल के सिर्फ ढांचे ही रह गए हैं, जो बंद पड़े हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं होने के लाख दावें करते हैं, लेकिन ग्रामीण अंचलों में हालात आज भी खराब है.
उपस्वास्थ्य केंद्र ताराबहरा में नहीं है डॉक्टर
कोरिया जिले के ग्राम पंचायत ताराबहरा में करीब चार साल से उपस्वास्थ्य केंद्र बंद पड़ा हुआ है. ताराबहरा के ग्रामीणों का स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ने पर काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है. महिलाओं को डिलिवरी के समय लगभग 40 किलोमीटर का सफर तय कर मनेन्द्रगढ़ अस्पताल पहुंचना पड़ता है.
चार साल से नहीं है कोई डॉक्टर
जानकारी के मुताबिक बीते चार सालों में इस उपस्वास्थ्य केंद्र में एक भी डॉक्टर की पदस्थापना नहीं हुई है. पूर्व की बीजेपी सरकार के समय यहां उपस्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन आज तक डॉक्टरों की पदस्थापना नहीं की गई. जिससे ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा.
ग्रामीणों को हो रही परेशानी
ग्रामीण महिला ने बताया कि चार साल हो गए, आज तक अस्पताल का दरवाजा नहीं खुला. यहां न डॉक्टर है और न ही नर्स. सर्दी-बुखार में अगर सुई भी लगवानी हो तो, केल्हारी या मनेन्द्रगढ़ जाना पड़ता है या फिर बैकुंठपुर जाना होता है. आस-पास के गांव वालों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
CMHO रामेश्वर शर्मा ने बताया कि इस मामले में BMO से बात कर के तत्काल जानकारी ली जाएगी. स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि वे खुद जाकर वहां देखेंगे और तत्काल डॉक्टरों को भेजने के निर्देश दिए जाएंगे.
लापरवाही किसकी?
छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना के केस में बढ़ोतरी हो रही. प्रदेश का कोई भी जिला अब कोरोना संक्रमण से अछूता नहीं रहा. ऐसे में ग्राम पंचायत ताराबहरा के उपस्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों का नहीं होना शासन-प्रशासन की लापरवाही को सामने लाता है.
साकेत वर्मा की रिपोर्ट…..