कोरबा : 6 दिन बीत जाने के बाद भी एएसआई परिहार का कातिल पुलिस की गिरफ्त से बाहर.. हर बिंदुओं पर पुलिस कर रही जांच.. विधानसभा से लेकर आम लोगों में बना चर्चा का विषय.

कोरबा/बांगों 16 मार्च 2023 ( सेंट्रल छत्तीसगढ़ ) : कोरबा जिले के बांगों थाना में 10 मार्च की सुबह यहां पदस्थ एएसआई नरेंद्र परिहार की रक्त रंजित लाश मिलने से पुलिस महकमे के अलावा आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। लेकिन आज 6 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस एएसआई परिहार के अंधे कत्ल की गुत्थी नहीं सुलझा पाई है। पाई है। आईजी बद्री नारायण मीणा ने बांगों थाना आकर मौके का निरीक्षण किया और पुलिस के आला अधिकारियों को निर्देशित करते हुए जांच टीम गठित की। पुलिस अधीक्षक यू उदय किरण, अतरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिधेक वर्मा तथा जांच टीम में शामिल अनेक थाना प्रबगारी लगातार मामले की सघन जांच में जुटे हैं। पुलिस सायबर सेल, फोरेंसिक टीम, डॉग स्कवाड की टीम की मदद लेकर अनेक बिंदुओं पर जाँच कर रही है। सैकड़ों लोगों से पूछताछ कर रही है लेकिन अभी तक पुलिस के हांथ खाली हैं।

सदन में गूंजा बांगो थाने के एएसआई की संदिग्ध मौत का मामला

छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के दौरान 13 मार्च सोमवार को भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कोरबा के बांगो थाने के एएसआई की संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिलने का मामला उठाया था। उन्होंने ठेका लेकर एएसआई की टारगेट किलिंग का आरोप लगाया। वहीं एसएसआई परिहार की मौत पर अभी तक पुलिस की जांच में कुछ भी हासिल न होना लोगों में चर्चा का विषय पड़ा हुआ है।

पुलिस हर बिंदुओं पर कर रही जांच, लेकिन अभी तक नही मिला कोई सुराग.

कोरबा जिले के बांगो थाना में पदस्थ एएसआई नरेन्द्र सिंह परिहार के कमरे में घुसकर गर्दन के पीछे किसी धारदार हथियार से काफी गहरा और संघातिक वार कर हत्या कर देने के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है। यह हमला किसने और क्यों किया, इसके बारे में जांच-पड़ताल की जा रही है। विभिन्न बिन्दुओं पर पुलिस की जांच जारी है। 9 व 10 मार्च की मध्य रात्रि से सुबह के बीच के घटनाक्रम में मारे गए एएसआई के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के उपरांत अज्ञात आरोपी के विरुद्ध धारा 302 व 458 भादवि के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया है। इस मामले को सुलझाने के लिए एसपी उदय किरण के मार्गदर्शन में पुलिस की अलग-अलग टीम लगी हुई है। सायबर सेल एवं फॉरेंसिक एक्सपर्ट तथा खोजी डॉग बाघा की मदद इस मामले में ली जा रही है। प्रारंभिक तौर पर मिले सुराग के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई। साथ ही अन्य संदेहियों पर निगरानी बढ़ाई गई है। लेकिन अभी 6 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हांथ कुछ हांसिल नही हुआ है।